Budget 2025: सीएम सुक्खू ने केन्द्रीय बजट को असमान और अवसरवादी करार दिया, बोले-हिमाचल के हितों की हुई अनेदखी..!

Published on: 1 February 2025
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Union Budget 2025: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार के वित्त वर्ष 2025-26 के बजट पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट असमानता को प्रदर्शित कर रहा है और बजट का एक बड़ा हिस्सा बिहार राज्य पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि इस बजट में कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों का और यहां की जनसंख्याओं की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए तत्काल संशोधन करने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट देश के महत्वपूर्ण मामलों जैसे बेरोजगारी, गरीबी और बढ़ती मंहगाई को संबोधित करने की दिशा में असफल रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के सेब उत्पादक राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस वर्ग से संबंधित वित्तीय बाधाओं और उनसे संबंधित मुश्किलों को कम करने के लिए सेब के आयात शुल्क में वृद्धि करने के लिए कोई उपाय नहीं किया गया है जिससे प्रदेश के बागवानों को राहत मिलती।

सीएम सुक्खू ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बजट में प्रदेश में रेल विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मामले के संबंध में भी उल्लेख नहीं है। राज्य के आर्थिक विकास के लिए मजबूत रेल विस्तार आवश्यक है लेकिन इस मामले को भी नजरअंदाज किया गया है। राज्यों को दिए जाने वाले ब्याज मुक्त ऋण की 1.5 लाख करोड़ रुपये की सीमा में बढ़ौतरी नहीं की गई है और हिमाचल जैसे छोटे राज्य के लिए इससे संबंधित कठिन शर्तें राज्य के अनुकूल नहीं है।

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उन्होंने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति को समाप्त करने के परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश मुश्किल वित्तीय स्थिति को झेल रहा है जिससे राज्य को प्रतिवर्ष हानि हो रही है। इस वित्तीय घाटे को कम करने के लिए और प्रदेश की राजकोषीय स्थिरता के लिए एक विशेष वित्तीय पैकेज की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बजट में इस तरह के पैकेज का कोई प्रावधान नहीं किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयकर छूट के रूप में मध्यम वर्ग को मिलने वाले लाभ में विलम्ब हुआ है क्योंकि नए प्रत्यक्ष ढांचे के लाभों का उपयोग, उपभोग और मांग को बढ़ावा देने के बजाय पिछले वर्षों में लगाए गए कर के रूप में देना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह गरीब विरोधी और अवसरवादी बजट है जो भविष्योन्मुखी नहीं है। उन्होंने कहा कि यह राहत राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लाभ में मध्यम वर्ग के कर दाताओं के द्वारा किए जा रहे योगदान के अनुरूप नहीं है। इसके अलावा इस बजट में अगले सप्ताह नए आयकर बिल का भी उल्लेख है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में कृषि क्षेत्र में चल रही समस्याओं जैसे न्यूनतम समर्थन मूल्य और आधुनिक कृषि पद्धति और बुनियादी ढांचे के लिए अपर्याप्त वित्तपोषण को सम्बोधित करने के लिए कोई भी उपाय नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट भारत की आवश्यकताओं के अनुसार समावेशी और सहायक वित्तीय योजना बनाने में विफल रहा है। इसमें बेरोजगारी, बढ़ती कीमतें और असमानताओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए कोई समाधान नहीं दिया गया है। अन्य राज्यों की तरह हिमाचल प्रदेश भी एक ऐसे बजट के परिणामों से जूझ रहा है जो आम लोगों की तुलना में सम्पन्न वर्ग को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसा बजट बनाया जाए जो सभी नागरिकों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को सही मायने में प्रतिबिम्बित करे और समाज के सभी वर्गों का समान विकास और समृद्धि सुनिश्चित करे।

Tek Raj

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