HP Bus Fare Hike: हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने एक बार फिर हिमाचल की आम जनता की जेब पर भारी बोझ डाल दिया है। न्यूनतम किराया बढ़ने के बाद गुरुवार को सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) की स्टेज कैरिज बस सेवाओं के किराए में लगभग 15 फीसदी की बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी कर दी। यह नया किराया तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है।
नई अधिसूचना के अनुसार, मैदानी और पहाड़ी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग किराए तय किए गए हैं। साधारण बसों का किराया मैदानी क्षेत्रों में पहले 1.40 रुपये प्रति किलोमीटर था, जो अब बढ़कर 1.60 रुपये हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह 2.19 रुपये से बढ़कर 2.50 रुपये प्रति किलोमीटर हो गया है।इसी प्रकार डीलक्स और एसी/सुपर लग्जरी बसों के किराए में भी भारी वृद्धि हुई है।
HP Bus Fare Hike:
बस का प्रकार क्षेत्र नया किराया (₹/किमी) पुराना किराया (₹/किमी)
साधारण बस मैदानी 1.60 1.40
साधारण बस पहाड़ी 2.50 2.19
डीलक्स बस मैदानी 1.95 1.71
डीलक्स बस पहाड़ी 3.10 2.71
एसी/सुपर लग्जरी बस मैदानी 3.90 3.42
एसी/सुपर लग्जरी बस पहाड़ी 5.20 4.52
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुक्खू सरकार ने न्यूनतम किराए को 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया था। 19 अप्रैल को लागू इस नियम के तहत पहले तीन किलोमीटर के लिए 5 रुपये की जगह अब चार किलोमीटर के लिए 10 रुपये न्यूनतम किराया लिया जा रहा है। अब सामान्य किराए में भी वृद्धि ने जनता की कमर तोड़ दी है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि भविष्य में किराया वृद्धि का प्रस्ताव परिवहन विभाग समय-समय पर मुद्रास्फीति की दर के आधार पर पेश करेगा। इस बारे में फैसला लेने का अधिकार प्रभारी मंत्री को दिया गया है। इससे जनता को और आर्थिक बोझ का डर सता रहा है।
वहीँ विपक्षी नेताओं ने किराया वृद्धि को आम जनता के साथ धोखा करार दिया है और सरकार को आड़े हाथों लिया है।
विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बस किराए में वृद्धि कर हिमाचल की जनता के साथ नाइंसाफी की है। उन्होंने कहा, “एचआरटीसी आम आदमी की सवारी है। लोग रोजमर्रा के कामों के लिए इन बसों पर निर्भर हैं। पहले न्यूनतम किराए में वृद्धि कर सरकार ने गरीब परिवारों पर महंगाई का बोझ डाला, और अब लंबी दूरी के किराए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी कर एक और झटका दे दिया। सरकार को ऐसे जनविरोधी फैसलों से बचना चाहिए।”
वहीँ भाजपा विधायक और पूर्व परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने इस फैसले को जनविरोधी बताया। उन्होंने कहा, “एचआरटीसी हिमाचल के आम आदमी की जीवन रेखा है, लेकिन सुक्खू सरकार ने इसे महंगा कर दिया। कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से जनता पर आर्थिक मार पड़ रही है। पहले न्यूनतम किराए में वृद्धि और अब लंबी दूरी के किराए में 15 फीसदी की बढ़ोतरी। यह जनता के साथ अन्याय है। सरकार तुरंत इस फैसले को वापस ले।”
इसी के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि बस किराए में वृद्धि कांग्रेस सरकार का एक और जनविरोधी फैसला है। उन्होंने कहा, “हिमाचल में कांग्रेस का शासन कुशासन का पर्याय बन गया है। न्यूनतम किराए के बाद अब सामान्य किराए में भारी वृद्धि कर जनता को झटका दिया गया है। यह दिखाता है कि सरकार को जनता की कोई परवाह नहीं। कांग्रेस सिर्फ जनता की जेब पर डाका डाल रही है।”
गौरतलब है कि एचआरटीसी की बसें हिमाचल के ग्रामीण और कम आय वाले परिवारों के लिए परिवहन का मुख्य साधन हैं। लोग काम, पढ़ाई और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए इन पर निर्भर हैं। किराए में वृद्धि और बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की जिंदगी को और मुश्किल कर दिया है। भविष्य में और वृद्धि की आशंका ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है।