Khushwant Singh Litfest 2025: ऐतिहासिक कसौली क्लब में शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025 को 14वें खुशवंत सिंह लिटरेचर फेस्टिवल (Khushwant Singh Litfest 2025) का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर देशभर से लेखक, कवि, पत्रकार, छात्र और साहित्य प्रेमी कसौली पहुंचे। इस वर्ष फेस्टिवल का थीम है: ‘वॉयस ऑफ टुमॉरो: नेविगेटिंग द फ्यूचर थ्रू वर्ड्स’। देश-विदेश के लेखक, साहित्यकार, चित्रकार, अभिनेता, अधिकारी और राजनीति से जुड़ी हस्तियां इस आयोजन में भाग ले रही हैं।

तीन दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल में 30 सत्रों में चर्चाएं होंगी। पहले दिन 10 सत्रों में 11 वक्ताओं ने हिस्सा लिया। लिटफेस्ट का उद्घाटन खुशवंत सिंह के पुत्र राहुल सिंह और पत्रकार व स्तंभकार बच्ची कर्करिया ने ‘वेलकम एंड सेटिंग द टोन’ सत्र में मेहमानों का स्वागत करते हुए किया। वक्ताओं ने खुशवंत सिंह के जीवन और कार्यों पर अपने विचार साझा किए।

सूफी गायिका और संगीतकार राधिका सूद नायक ने ‘मेलोडियस प्रीफेस: मेरा पाता’ सत्र में काव्यात्मक और संगीतमय प्रस्तुति दी, जिसने अपनी मधुर धुनों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रेनी सिंह ने खुशवंत सिंह को समर्पित संगीतमय श्रद्धांजलि प्रस्तुत की, जिसने सभी का ध्यान आकर्षित किया।

‘कीनोट: मेम्स फॉर मैमीजी: मेकिंग सेंस ऑफ पोस्ट-मोबाइल-फोन इंडिया’ सत्र में मुख्य वक्ता तोष देसाई ने स्मिता थरूर के साथ मोबाइल फोन युग के बाद भारत की सामाजिक समझ पर चर्चा की।

‘चेंजमेकर्स इन कन्वर्सेशन: फ्रॉम वर्ड्स टू क्लाइमेट एक्शन’ सत्र में वक्ता संगीता वालरॉन और बंधना तिवारी ने जलवायु कार्रवाई की दिशा में प्रगति पर अपने विचार व्यक्त किए।
‘द जॉय ऑफ लर्निंग’ सत्र में खुशवंत सिंह फाउंडेशन और स्कूलों के प्रतिनिधियों ने शिक्षा के आनंद और भविष्य की योजनाओं पर संक्षिप्त चर्चा की।
‘ए हवेली हूडनिट’ सत्र में पॉल वाटर्स और अनूप सोनी ने रिचा एस. मुखर्जी के सवालों का जवाब दिया।
‘द आर्ट ऑफ गिविंग’ सत्र में अधिरथ सेठी और मधुर सिंह ने अपने विचार श्रोताओं के समक्ष रखे।
‘द स्पिरिचुअल सोर्स ऑफ क्लाइमेट एक्शन’ सत्र में लाथा और नारायणी गणेश ने जलवायु कार्रवाई के आध्यात्मिक आधार पर गहन चर्चा की।
‘ओपनिंग माइंड्स, लिफ्टिंग स्पिरिट्स’ सत्र में अमरिंदर बाजाज, सोनाली गुप्ता और पूजा बेदी ने नारायणी गणेश के सवालों पर प्रेरणादायक विचार साझा किए।
‘सेक्स, लव, सोसाइटी’ सत्र में मुख्य वक्ता लाथा अनंथी अयप्पन ने प्रेम, सेक्स और समाज पर अपने विचार व्यक्त किए और दर्शकों के सवालों के जवाब दिए।
‘जिसे उर्दू आए’ सत्र में मुख्य वक्ता निरुपमा दत्त ने उर्दू साहित्य की समृद्धि से जुड़े विषयों पर विचार रखे।
कार्यक्रम के अंत में ‘एक लम्हा जिंदगी: ए लव स्टोरी (1938-1979)’ नाटक के माध्यम से अभिनेत्री जूही बब्बर सोनी ने अपनी प्रभावशाली प्रस्तुति दी।
















