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Una Rape Case: हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी एसडीएम को अग्रिम जमानत देने से किया इनकार, दुष्कर्म मामले में जांच तेज

Una Rape Case: सिरमौर के ट्रांसगिरि क्षेत्र का रहने वाला है ऊना दुष्कर्म मामले का आरोपी एसडीएम

Una Rape Case: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने ऊना के उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) विश्वमोहन देव चौहान को दुष्कर्म के एक मामले में अंतरिम अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायाधीश राकेश कैंथला की पीठ ने सरकार को नोटिस जारी कर जांच रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर 2025 को होगी।

कोर्ट ने याचिका में दिए गए तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि प्राथमिक तौर पर पीड़िता के आरोपों पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि एसडीएम ने 10 अगस्त 2025 को उसके साथ दुष्कर्म किया और शादी का वादा किया। इसके बाद 20 अगस्त को ऊना के सरकारी विश्रामगृह में फिर से शारीरिक शोषण किया।

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इतना ही नहीं, आरोपित ने घटना का वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की धमकी दी। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में गिरफ्तारी से पहले जमानत नहीं दी जा सकती।

फोरेंसिक जांच शुरू, साक्ष्य जुटाए गए
वहीँ ऊना पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है। गुरुवार को फोरेंसिक टीम ने लोक निर्माण विभाग के विश्रामगृह के कमरा नंबर 104 और एसडीएम कार्यालय के रेस्ट रूम की जांच की। दोनों स्थानों को सील कर दिया गया है। टीम ने कार्यालय के अंदर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी कब्जे में ली है।

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पुलिस ने आरोपित की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की हैं और संभावित ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि साक्ष्य एकत्र करने का काम पूरा हो चुका है और जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है। सरकार ने भी इस मामले में प्रशासनिक कार्रवाई का संकेत दिया है।

क्या है मामला ?
दरअसल, ऊना जिले की एक युवती ने एसडीएम विश्वमोहन देव चौहान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता के अनुसार, उसकी मुलाकात आरोपित से सोशल मीडिया के जरिए हुई थी। इसके बाद एसडीएम ने उसे अपने कार्यालय बुलाया और वहां कोर्ट चैंबर में जबरन शारीरिक संबंध बनाए। 10 अगस्त को सरकारी विश्रामगृह में भी दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया।

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पीड़िता ने बताया कि जब उसने शादी की बात उठाई तो आरोपित ने कार्यालय में बनाए गए एक निजी वीडियो के आधार पर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। युवती का कहना है कि आरोपित ने बाद में उससे बातचीत कम कर दी। जब वह उसके घर पहुंची तो उसे अपमानित कर बाहर निकाल दिया गया। पीड़िता ने 28 अगस्त को राष्ट्रीय महिला आयोग में ऑनलाइन शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद ऊना के सदर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया।

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