Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

नई आबकारी नीति से हिमाचल प्रदेश के राजस्व अर्जन में 40 प्रतिशत की वृदि दर्ज

नई आबकारी नीति

प्रजासत्ता ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार बहुआयामी प्रयास कर रही है। इसके लिए वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के साथ-साथ राजस्व अर्जन के साधनों को बढ़ाया जा रहा है। इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में बदलाब किया। जिसके परिणाम स्वरूप वित्त वर्ष 2023-24 में आबकारी नीति से अपेक्षित 2357 करोड़ रुपये के राजस्व की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य कोष में 2800 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ हुआ।

बता दें कि नई आबकारी नीति से हिमाचल प्रदेश के राजस्व में भारी बढ़ोतरी हुई है। वितीय वर्ष 2023-24 में नई आबकारी नीति 40 प्रतिशत की वृद्धि के साथ राज्य कोष में 2800 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित हुआ है। पिछले लगभग 15 वर्षों में राज्य सरकार की आबकारी नीति के तहत राजस्व अर्जित 25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज नहीं की गई थी जबकि वर्ष 2011-12 में राजस्व में 25.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल में एक फेज में 12 नवंबर को होगा मतदान, इस तारीख को आएंगे नतीजे

मंगलवार को एक सरकारी प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में पिछली सरकार के शासन के दौरान शराब की दुकानों का नवीनीकरण के माध्यम से 1296 करोड़ रुपये अर्जित किए गए, जबकि वर्तमान सरकार के कार्यका ल के दौरान वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान नीलामी एवं निविदा से 1815 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया जो 520 करोड़ रुपये अधिक है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के कहे अनुसार पिछली सरकार द्वारा शराब के दुकानों के नवीनीकरण के निर्णय से सरकारी कोष को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है। वर्तमान सरकार ने शराब की दुकानों की नीलामी करने और समग्र राजस्व बढ़ाने के लिए आबकारी नीति में नवीन उपाय किए। मुख्यमंत्री ने कहा है कि वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति में सरकारी राजस्व में वृद्धि करने, शराब की कीमतों में कमी और पड़ोसी राज्यों से इसकी तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। देसी शराब का निर्धारित कोटा 7.5 प्रतिशत और भारत में निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) का निर्धारित कोटा 5 प्रतिशत बढ़ाया गया है। राज्य सरकार के इन सभी उपायों से अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

इसे भी पढ़ें:  मनीष सिसोदिया और भगवंत मान सीएम जयराम के गृह जिला मंडी में करेंगे पांचवी गारंटी का ऐलान

थोक दुकानों के लिए वार्षिक निर्धारित लाइसेंससें शुल्क को 20 लाख बढ़ाकर 35 लाख रुपये, वित्तीय वर्ष के लिए न्यूनतम गारंटीकृत मात्रा उठाने के बाद, अतिरिक्त कोटा उठाने के लिए लाइसेंससें धारियों को निर्धारित लाइसेंस सें शुल्क 80 प्रतिशत के साथ 10 प्रतिशत तक कोटा उठाने की अनुमति दी
गई है। इसके अतिरिक्त लाइसेंससें धारक को निर्धारित लाइसेंससें शुल्क के 90 प्रति शत की दर से 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक कोटा उठाने की अनुमति दी गई है।

नई आबकारी नीति में एल-3, एल-4 और एल-5 लाइसेंस धारकों को तीन सितारा होटलों के सभी कमरों में रहने वालों के लिए मिनी बार की अनुमति प्रदान की गई है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ राज्य में राजस्व के स्रोत भी बढ़ेंगे। राज्य सरकार ने शराब की प्रत्येक बोतल पर 10 रुपये दूध उपकर लगाया है जिससे 100 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व अर्जित होगा।

इसे भी पढ़ें:  Himachal News: सीएम सुक्खू बोले-वीरभद्र और कांग्रेस ने लिखी हिमाचल में विकास की गाथा.
YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment