Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

नगरोटा बगवां : बिजली विभाग का कारनामा, आउटसोर्स कर्मचारी को पहले बिना नोटिस निकाला, अब 5 माह बाद बिठाई जांच

जांच शुरू

प्रजासत्ता|नगरोटा बगवां
नगरोटा बगवां बिजली विभाग बिना कारण बताओ नोटिस के एक आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से बाहर कर देता। जब मामला औद्योगिक न्यायाधिकरण सह-श्रम न्यायालय पहुंचा तो विभाग के अधिकारी पक्ष रखने नहीं जाते| अब जब मामला निचली अदालत में चला गया तो अधिकारी एक नौकरी से बर्खास्त कर्मचारी पर विभागीय जांच करने की बात कर रहे। जबकि किसी भी कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जांच तब होती है जब उसे निलम्बित किया गया हो, यहाँ तो बिना कारण बताओ सीधा बर्खास्त ही कर दिया गया है तो विभागीय जांच कैसे संभव है।

मामला यह था
दरअसल एक आउटसोर्स कर्मचारी अपने विवाह अप्रैल 2021 के लिए छुट्टी गया जब वापिस डयूटी ज्वाईन करने आया तो हाज़री रजिस्टर पर उसका नाम काट कर किसी ओर का नाम लिख दिया था। कर्मचारी के पूछने पर सिर्फ़ इतना बताया कि उसकी जगह अब कोई ओर को नौकरी पर रख लिया है| नियमों के अनुसार न कर्मचारी को कारण बताओ जारी किया गया, न ही कोई नोटिस, बल्कि किस दबाव के चलते नौकरी से बर्खास्तगी का पत्र भी जारी नहीं किया गया, और न ही अप्रैल माह के वेतन का भुगतान।

इसे भी पढ़ें:  भारत-श्रीलंका की क्रिकेट टीमें दो टी-20 मैचों के लिए आज धर्मशाला पहुंचेंगी

कर्मचारी ने न्याय के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और मामला लेबर कोर्ट में दर्ज किया गया। बिजली विभाग के अधिकारी को विभाग की तरफ से पक्ष रखने के लिए बुलाया गया पर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उपस्थिति नहीं हुआ। उक्त मामले को पैंतालीस दिनों के बाद लेबर कमिश्नर कार्यालय भेज दिया गया। आउटसोर्स कर्मचारी पर कई बार दबाव भी बनाया गया कि कोर्ट केस वापस ले| जब विभाग के अधिकारीयों कि कर्मचारी पर एक न चली तो पांच महीने गुज़रने के बाद बर्खास्त कर्मचारी पर जांच कमेटी बिठा दी गयी।

जब इस विषय पर जब चीफ इंजीनियर से बात की गई कि पांच महीनों के बाद किस नियम के तहत जांच में शामिल होने के लिए कर्मचारी को बुलाया जा रहा है, तो उनका कहना था चोर को पकड़ने के लिए कभी भी जांच की जा सकती है और समय लगता है। अब एक बात तो साफ है कि जब कर्मचारी को नौकरी से बाहर किया था तो कोई शिकायत उनके पास नहीं थी जिसका हवाला देकर उसे बर्खस्तगी का पत्र थमाते| जब हमने उनसे दूसरा सवाल किया कि अगर कर्मचारी चोर है तो उसको दबाव बनाकर केस वापिस लेने की शर्त रखकर दोबारा नौकरी पर रखने के लिए आपके अधिकारी सम्पर्क क्यों कर रहे थे। तब अधिकारी से जवाब देते नहीं बना, तो उन्होंने कहा कि कुछ बातें कांफीडेंशन हैं तो मैं नहीं बता सकता।

इसे भी पढ़ें:  Kangra News: दादा और दो पोतों की न्यूगल खड्ड में डूबने से मौत

चीफ इंजीनियर बिजली यहाँ तक कह गए गए कि आउटसोर्स कर्मचारियों को कभी भी बाहर कर सकते हैं वो हमारे मुलाज़िम नहीं हैं जबकि सरकार के दिशानिर्देश के मुताबिक कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस देना अनिवार्य है। अब इतना तो साफ हो गया है कि किसी अधिकारी ने जो सरकारी दिशानिर्देश को ठेंगा दिखा कर रखकर आउटसोर्स कर्मचारी को बाहर किया है यह सब ड्रामा उस सब से बचने के लिए रचा जा रहा है।

अब एक तरफ पहले अधिकारी यह बोल रहे थे कि उनको इस केस की जानकारी नहीं है| फिर उन्होंने कर्मचारी पर आरोप लगाया, एक तरह से उनका कहना है कि कोई गबन किया है दूसरी तरफ बोल रहे मामले का पता नहीं है।

इसे भी पढ़ें:  गांव हेब तहसील थुरल जिला कांगड़ा में लग रही ए टी सी की साइट पर काम कर रहे लकी कुमार व उनकी साथी पर कुछ लोगों ने किया हमला मोबाइल और पच्चीस हजार नकद राशि भी छीनी थुरल चौकी घटना स्थल से मात्र थी 2 किलोमीटर की दूरी पर दिन के 3 बजे सूचना देने पर भी नहीं पहुंचे घटनास्थल पर

आउटसोर्स कर्मचारी का कहना है कि वो किसी भी जांच में शामिल होने को तैयार हैं। उनका कहना है कि पिछले पांच महीनों से मानसिक तनाव से गुज़र रहे हैं| उनका मामला न्यायालय में लंबित है और उन्हें पूरा भरोसा है कि उनके साथ इंसाफ होगा| यदि उन पर झूठे आरोप लगाये जाते हैं तो वो मानहानि का दावा भी करेंगे।

YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment