Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

सरहदें ही नहीं, शहीदों के परिजनों की सुध लेने को आगे आया बीएसएफ

सरहदें ही नहीं, शहीदों के परिजनों की सुध लेने को आगे आया बीएसएफ

प्रजासत्ता|
सरहदें जिनके दम से है सुरक्षित, अब वो सिर्फ राष्ट्र ही नहीं, अपने शहीद साथियों के लिए भी मुस्तैद हैं| सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार संरक्षण आयोग ने संयुक्त रूप से एक सराहनीय प्रयास किया है। ‘सहारा’ ( सपोर्टिव एक्शन विद होलिस्टिक अप्रोच टू बिल्ड रेजिलिएंस एमंग द चिल्ड्रेन ऑफ आर्ड पुलिस फोर्सेस पर्सनल ) अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य सशस्त्र सुरक्षा बलों के शहीद जवानों के बच्चों को भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक सहायता और परामर्श प्रदान करना है।

विशेष तौर से शहीद जवानों के बच्चों को समर्पित इस प्रयास के तहत बीएसएफ की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना, भावनात्मक सहयोग, मनोवैज्ञानिक सामाजिक सहयोग, जरूरत के वक्त बच्चों की काउंसलिंग और बाल अधिकार के उल्लंघन से संबंधित शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करना है। इसके लिए विशेष तौर से एक टोल फ्री नंबर- 1800-0-236 236 और वेबलिंक- https : /www.ncpcr.gov.in/ जारी किया गया है ।

इसे भी पढ़ें:  दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के तेज झटके

इतना ही नहीं, इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय के अधीन भारतीय सेना पूर्व सैनिक निदेशालय (डीआईएवी) ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले सैन्यकर्मियों के परिवारों को सहारा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसका मकसद उन सैन्यकर्मियों के परिवारों के लिए बनाई गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को सुगम बनाना है । इसमें सैनिकों के बच्चों और विधवाओं के लिए शिक्षा छात्रवृत्ति , कंप्यूटर सहायता , उच्च शिक्षा के लिए सहायता और विवाह योग्य बेटियों के लिए अनुदान शामिल हैं। इससे 1 लाख से अधिक बलिदानी सैनिकों की विधवाओं और उनके बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने में सहायता मिलेगी ।

इसे भी पढ़ें:  कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का बड़ा ऐलान, कहा-यह मेरा आखिरी चुनाव होगा
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment