देश में #Boycott Turkey अभियान तेज, पाकिस्तान को सपोर्ट करने पर इन देशों के खिलाफ भारतीयों में गुस्सा..!

Published on: 15 May 2025
देश में #Boycott Turkey अभियान तेज, पाकिस्तान को सपोर्ट करने पर इन देशों के खिलाफ भारतीयों में गुस्सा..!

Boycott Turkey: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के दौरान कुछ देशों ने पाकिस्तान का साथ देकर यह साबित कर दिया कि वे भारत के खिलाफ है। तुर्किये (तुर्की) और अजरबैजान उन्हीं देशों में शामिल हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को हथियार और दूसरी मदद दी। भारत विरोधी गतिविधियों और पाकिस्तान को सपोर्ट करने पर तुर्किये और अजरबैजान के खिलाफ देश में गुस्सा है।

भारत और पाकिस्तान में युद्ध बंद होने पर अब भारत ने साफ कर दिया है कि ऐसे देशों से दूरी बनाना जरूरी है। इसी के तहत राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए JNU ने तुर्किये की यूनिवर्सिटी से समझौता रद्द कर दिया है। इसके अलावा कई लोगों ने तुर्किये और अजरबैजान यातर भी कैंसिल कर दी है। जानकारी के अनुसार जवाहरलाल युनिवेर्सिटी (JNU) ने तुर्किये की Inonu University के साथ अपना शैक्षणिक समझौता (MoU) तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। ये फैसला देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। JNU ने साफ कहा है, वो हर हाल में देश के साथ खड़ा है।

JNU ने अपने आधिकारिक X (ट्विटर) हैंडल पर साफ लिखा, “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से, JNU और तुर्किये की Inonu University के बीच हुआ समझौता स्थगित किया जाता है। JNU राष्ट्र के साथ खड़ा है।” यह MoU 3 फरवरी 2025 को साइन हुआ था और इसकी वैधता 2028 तक थी, लेकिन हालात को देखते हुए इसे बीच में ही खत्म करना पड़ा।

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सूत्रों के मुताबिक, तुर्किये ने पाकिस्तान को न सिर्फ हथियार, बल्कि ड्रोन और सुरक्षाकर्मी तक भेजे थे। ऐसे में JNU का ये निर्णय दिखाता है कि भारत का हर संस्थान अब राष्ट्रवाद की ठोस जमीन पर खड़ा है।

Boycott Turkey: व्यापारियों ने लिया कड़ा फैसला

वहीँ पुणे, गाजियाबाद और उदयपुर जैसे शहरों में व्यापारियों ने तुर्की से आने वाले सामानों का खुला बहिष्कार शुरू कर दिया है। पुणे की मंडियों से तुर्किये के सेब गायब हो चुके हैं।

वहीं, उदयपुर के मार्बल व्यापारियों ने भी साफ कर दिया है कि जब तक तुर्किये पाकिस्तान का समर्थन करेगा, तब तक उनसे कोई लेन-देन नहीं होगा। भारत में बिकने वाला 70% तुर्की मार्बल अब बंद हो रहा है। यह न सिर्फ एक आर्थिक झटका है, बल्कि तुर्किये के लिए चेतावनी भी है।

व्यापार और पर्यटन से भी तुर्किये को झटका

इसके साथ ही देशभर में तुर्किये और अजरबैजान को जवाब देने का सिलसिला तेज हो गया है। MakeMyTrip की रिपोर्ट बताती है कि दोनों देशों के लिए टिकट ढाई गुना ज्यादा रद्द हो चुके हैं और बुकिंग्स में 60% गिरावट दर्ज की गई है। Ixigo, EaseMyTrip, Cox & Kings जैसी बड़ी ट्रैवल कंपनियों ने तुर्की के लिए सभी बुकिंग्स बंद कर दी हैं। Go Homestays ने अपने तुर्किये पार्टनर से रिश्ता तोड़ दिया है। ये सब बताते हैं कि अब भारत की जनता और बिजनेस दोनों मिलकर जवाब दे रहे हैं।

7 लाख भारतीय अब नहीं जाएंगे तुर्किये और अजरबैजान

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में करीब 7 लाख भारतीय इन दोनों देशों की यात्रा पर गए थे। इससे उनकी अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हुआ, लेकिन जैसे ही उनके पाकिस्तान प्रेम की परतें खुलीं, भारतीयों ने अपनी योजना वापस ले ली।

सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड में है #Boycott Turkey

सोशल मीडिया ने भी इस आंदोलन को जन अभियान बना दिया है। अरबपति उद्योगपति हर्ष गोयनका ने एक्स (X) पर लिखते हुए कहा कि भारतीयों ने पिछले साल तुर्किये और अजरबैजान की अर्थव्यवस्था में 4,000 करोड़ रुपये का योगदान किया।

अब वक्त आ गया है कि हर भारतीय इस समर्थन को रोक दे और अपनी ताकत अपने देश में लगाए। उनकी यह अपील अब देशभर में ट्रेंड बन चुकी है, #BoycottTurkey और #IndiaFirst जैसे हैशटैग ट्रेंड में हैं।

तूर्की के सेब आयात पर शुल्क बढ़ाने की मांग

तूर्की द्वारा कथित तौर पर पाकिस्तान को ड्रोन आपूर्ति और अन्य समर्थन देने की खबरों से भारत में नाराजगी बढ़ी है। इसके सेब के आयात पर शुल्क लगाने या प्रतिबंध की मांग तेजी से बढ़ी है। यह मांग विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड के सेब उत्पादक किसानों और उनके समर्थकों की ओर से उठ रही है।

News Desk

मेरा नाम नेहा है, और मैं प्रजासत्ता न्यूज़ नेटवर्क में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूँ। मुझे एंटरटेनमेंट से जुड़ी खबरें लिखना बेहद पसंद है, क्योंकि यह दुनिया की रंगीनियों और हलचलों को दर्शाने का एक अनूठा मौका देता है। फिल्म, संगीत और टीवी शो की दुनिया में हो रहे नवीनतम बदलावों को पाठकों के सामने पेश करना मेरे लिए एक रोमांचक अनुभव है।

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