Uttarakhand News: उत्तराखंड की साइबर क्राइम पुलिस ने रुहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति बीना शाह से 1.47 करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जो इस सनसनीखेज डिजिटल ठगी का हिस्सा था।
12 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा
पीड़िता बीना शाह ने 25 अगस्त 2025 को नैनीताल के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी। उन्होंने बताया कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने खुद को महाराष्ट्र साइबर क्राइम विभाग का अधिकारी बताकर उनसे संपर्क किया। ठगों ने दावा किया कि उनके बैंक खाते में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 60 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। इसके बाद, व्हाट्सएप कॉल के जरिए उन्हें 12 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखा गया और डराकर उनके खातों से विभिन्न खातों में 1.47 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए गए।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक अरुण कुमार को तत्काल जांच के निर्देश दिए गए थे। पुलिस ने बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, और व्हाट्सएप डेटा का तकनीकी विश्लेषण किया। इस आधार पर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बददी में रहने वाले राजेंद्र कुमार को मुख्य आरोपी के रूप में चिह्नित किया गया।
राजेंद्र कुमार, जो मूल रूप से हरियाणा के यमुनानगर जिले के रादौर थाना क्षेत्र के लक्खीबंस गांव का निवासी है, सोलन के लीली अपार्टमेंट में रह रहा था। साइबर क्राइम पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने शनिवार, 30 अगस्त 2025 की रात को सोलन में उसके फ्लैट पर छापा मारकर उसे हिरासत में लिया। पूछताछ में राजेंद्र ने ठगी में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है।
एसएसपी नवनीत सिंह ने बताया कि राजेंद्र से पूछताछ के आधार पर ठगी के इस नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस का कहना है कि तकनीकी साक्ष्यों और डिजिटल ट्रेल्स के आधार पर जल्द ही इस साइबर अपराध के पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।












