Himachal News: आपदा के समय लोगों की मदद के लिए बनाए गए मुख्यमंत्री राहत कोष (CM रिलीफ फंड) का नाम सुनकर हर कोई भरोसा करता है, लेकिन शातिर ठगों ने इस भरोसे का गलत फायदा उठाया। इस बार इन ठगों ने हद ही कर दी। दरअसल, हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग की आधिकारिक वेबसाइट को हैक कर लिया और उस पर एक फर्जी CM रिलीफ फंड का पेज बना डाला।
इतना ही नहीं, इन ठगों ने अपना बैंक खाता और QR कोड तक वेबसाइट पर डाल दिया, जिसके जरिए कई लोग ठगी का शिकार हो गए। अब पुलिस इस मामले की तह तक जाने के लिए जांच में जुट गई है। आइए, इस सनसनीखेज मामले को विस्तार से जानते हैं।
कैसे खुला ठगी का राज?
यह पूरा मामला तब सामने आया, जब उद्योग विभाग में तैनात एक कर्मचारी ने 28 जुलाई 2025 को वेबसाइट पर कुछ गड़बड़ होने की जानकारी दी। कर्मचारी ने बताया कि वेबसाइट पर एक फर्जी पेज बनाया गया है, जिसमें CM रिलीफ फंड के नाम पर एक अज्ञात व्यक्ति का बैंक खाता और QR कोड डाला गया है। यह वेबसाइट शिमला के हिमाचल प्रदेश स्टेट डाटा सेंटर, मैहली में होस्ट की गई है, और नए पेज को अपलोड करने की अनुमति केवल डाटा सेंटर की टीम के पास होती है।
जांच में पता चला कि यह फर्जी पेज 26 जुलाई को अपलोड किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए उद्योग विभाग के अतिरिक्त निदेशक तिलक राज शर्मा ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि वह 2021 से शिमला में उद्योग विभाग में कार्यरत हैं। सुरक्षा कारणों से वेबसाइट को 28 जुलाई को बंद कर दिया गया और जरूरी बदलावों के बाद 29 जुलाई को इसे दोबारा शुरू किया गया।
1 रुपये के ट्रांजैक्शन ने खोली पोल
जांच के दौरान विभाग की एक कर्मचारी ने 29 जुलाई को अपने HDFC बैंक खाते से टेस्ट के तौर पर 1 रुपये का ट्रांजैक्शन किया। यह राशि फर्जी पेज पर दिए गए UPI ID के जरिए अज्ञात व्यक्ति के खाते में सफलतापूर्वक पहुंच गई। यह ट्रांजैक्शन इस बात का सबूत था कि ठगों ने न सिर्फ वेबसाइट हैक की, बल्कि लोगों से पैसे ऐंठने का पूरा इंतजाम भी कर लिया था। अभी यह साफ नहीं है कि 26 से 28 जुलाई के बीच लोगों ने इस फर्जी खाते में कितने पैसे जमा किए। पुलिस ने बैंक से इसकी जानकारी मांगी है ताकि ठगी की सही राशि का पता लगाया जा सके।
पुलिस ने शुरू की मामले की जांच
उद्योग विभाग की शिकायत के आधार पर छोटा शिमला पुलिस थाने में अज्ञात ठगों के खिलाफ BNSS की धारा 318(4) और आईटी एक्ट की धारा 66(C) के तहत मामला दर्ज किया गया है। SSP शिमला संजीव गांधी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ठगों की पहचान और उनकी गिरफ्तारी के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। शिकायत में यह भी कहा गया कि इस हैकिंग से न केवल आम लोगों के साथ ठगी हुई, बल्कि उद्योग विभाग और सरकार की साख को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
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