Himachal: हाईकोर्ट ने गोविंद सागर झील में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर डीसी बिलासपुर को जारी किया नोटिस, जवाब तलब

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Tek Raj


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Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बिलासपुर जिले की गोविंद सागर झील में चल रही वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने पर्यटन विभाग के सचिव, पर्यटन निदेशक, पर्यटन खेल एवं रोजगार सृजन सोसाइटी के अध्यक्ष सह उपायुक्त जिला बिलासपुर, मेसर्ज हिमालयन एडवेंचर और मेसर्ज गन्धर्वी बिल्डर को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 28 अक्तूबर को होगी।

kips600 /></a></div><h4>इस संदर्भ में मेसर्ज एमजी स्काई एडवेंचरज ने हिमाचल हाईकोर्ट<a href= (Himachal High Court) में याचिका दायर की है। प्रार्थी ने आरोप लगाया है कि डीसी बिलासपुर मनमाने तरीके से झील में वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियां करवा रहे हैं, जबकि इस क्षेत्र में गतिविधियों के संचालन का टेंडर केवल उन्हें ही जारी किया गया है।

याचिका में दावा किया गया है कि प्रार्थी हिमाचल प्रदेश सरकार (Government of Himachal Pradesh) के साथ वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों के लिए पंजीकृत है, जबकि डीसी बिलासपुर अवैध रूप से हिमालयन एडवेंचर और गन्धर्वी बिल्डर्स के माध्यम से गतिविधियां चला रहे हैं। यह भी आरोप लगाया गया है कि ये दोनों कंपनियां न तो सरकार में पंजीकृत हैं और न ही उनके पास अनुभवी प्रशिक्षक हैं।

प्रार्थी ने यह भी कहा कि 15 जुलाई से 15 सितंबर तक वॉटर स्पोर्ट्स गतिविधियों पर रोक है, फिर भी डीसी ने अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया। कोर्ट में प्रार्थी ने मांग की है कि इन गतिविधियों को तुरंत बंद किया जाए और केवल उन्हें वॉटर स्पोर्ट्स संचालित करने की अनुमति दी जाए। साथ ही, डीसी बिलासपुर के खिलाफ आरोपों की स्वतंत्र जांच की भी मांग की गई है।

बता दें कि बिलासपुर को वाटर स्पोर्ट्स हब बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा साठ सीटर क्रूज और छह सीटर शिकारा का गोबिंद सागर झील में ट्रायल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अक्तूबर के तीसरे सप्ताह वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों का शुभारंभ करेंगे। इसको लेकर टेंडर की प्रक्रिया भी चल रही है, हालाँकि उससे पहले ही हाईकोर्ट में इसक खिलाफ याचिका दायर हो चुकी है।

Tek Raj

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