प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के मकसद के साथ 26 से अधिक विपक्षी दलों की बेंगलुरु में दूसरे दिन की बैठक जारी है। जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही इसका नाम, नेतृत्व और टैग लाइन भी तय किया जाएगा। कल शाम शुरू हुई बैठक में 2024 के लिए विपक्षी मोर्चे का नाम क्या हो, इस पर मंथन किया गया और सभी दलों से सुझाव मांगे गए।
विपक्षी मोर्चे के नए नाम में INDIA शब्द होना ज़रूरी है। विपक्षी मोर्चे की टैगलाइन होगी UNITED WE STAND… नए मोर्चे की अध्यक्ष सोनिया गांधी और संयोजक नीतीश कुमार को बनाया जा सकता है। कल जब बैठक शुरू हुई, तो शुरुआती 20 मिनट में सोनिया गांधी, ममता बनर्जी के साथ बात करती दिखीं। बता दें कि कांग्रेस नेतृत्व वाली पूर्व यूपीए में 26 पार्टियां हैं। सब को मिलाकर वर्तमान में 11 राज्यों में सरकार में हैं।
बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक, एक मंच पर 26 दल
1.कांग्रेस
2.टीएमसी
3.डीएमके
4.आम आदमी पार्टी
5.जेडीयू
6.आरजेडी
7.सीपीएम
8.सीपीआई
9.सीपीआई एमएल
10.एनसीपी
11.शिवसेना
12.समाजवादी पार्टी
13.नेशनल कॉन्फ़्रेंस
14.पीडीपी
15.जेएमएम
16.आरएलडी
17.आरएसपी
18.आईयूएमएल
19.केरल कांग्रेस एम
20.वीसीके
21.एमडीएमके
22.केरला जे
23.केडीएमके
24.फॉरवर्ड ब्लॉक
25.एमएमके
26.अपना दल (कमेरावादी)
दूसरे दिन की बैठक के बाद विपक्षी दलों के नेता संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के माध्यम से आगे की रूपरेखा पेश करेंगे। पहले दिन की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यूनाइटेड) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता शामिल हुए।
पहले दिन की बैठक से पूर्व कांग्रेस ने भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता भारत के राजनीतिक परिदृश्य के लिए परिवर्तनकारी साबित होगी तथा जो लोग अकेले दम पर विपक्षी दलों को हरा देने का दंभ भरते थे, वे इन दिनों ‘राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के भूत’ में नयी जान फूंकने की कोशिश में लगे हुए हैं। विपक्षी दलों की पिछली बैठक 23 जून को पटना में हुई थी।












