Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

Shimla Masjid Controversy: वक्फ बोर्ड ने भी माना मस्जिद में निर्माण अवैध..!

Shimla Masjid Controversy: वक्फ बोर्ड ने भी माना मस्जिद में निर्माण अवैध..!

Shimla Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद मामला देशभर में लगातार सुर्खियों में छाया हुआ है। जहाँ पर गुरुवार को हिंदू संगठनों के रोष प्रदर्शन ने देशभर में माहौल गरमा दिया। तो सरकार ने भी माना है कि यहां पर अवैध निर्माण हुआ है। इसी बीच अब वक्फ बोर्ड ने भी माना है कि मस्जिद की ऊपरी मंजिलें अवैध हैं।

वक्फ बोर्ड शिमला के स्टेट ऑफिसर कुतुबदीन मान ने नेशनल न्यूज़ चैनल के साथ हुई बातचीत में बताया कि मस्जिद की ऊपरी मंजिलें अवैध तौर पर बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड ने पूरी मस्जिद को अपने अधीन लिया है। साथ ही माना कि इसी तरह बाहरी राज्य के कुछ मुस्लिम समुदाय की ओर से अवैध कब्जे को वक्फ बोर्ड ने हटाया है।

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल समेत देशभर के 57 कैंट बोर्ड के चुनाव स्थगित हुए

इसके अलावा, यहां पर तैनात इमाम को भी हटाया गया है। विवाद को बढ़ता देख वक्फ बोर्ड की ओर से इस मस्जिद में किसी भी बाहरी व्यक्ति के रहने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। उधर, प्रदर्शनकारियों की तरफ से अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए प्रशासन को 2 दिन का समय दिया गया है।

क्या है मामला 

राजधानी शिमला के संजौली में बन रही एक मस्जिद को लेकर शुरू हुआ बबाल देश में सुर्खियाँ बटोर रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसका निर्माण अवैध तरीके से किया जा रहा है। इस मस्जिद में हुए कथित अवैध निर्माण के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर हैं।

इसे भी पढ़ें:  हिमाचल के चुनाव में राम मंदिर, बाबर और औरंगजेब की हुई एंट्री

लोगों की मांग है कि मस्जिद में बने अवैध निर्माण को तोड़ जाए। पिछले 5 दिनों से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अब अल्टीमेटम दिया है कि 2 दिन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस मामले पर एक्शन ले नहीं तो फिर हिंदू संगठन अपने हिसाब से फैसला लेंगे। वहीँ इस सरे मामले में सरकार की तरफ से भी इसे अवैध बताया गया है।

इसे भी पढ़ें:  अप्रैल माह में किया जाएगा हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालय का लोकार्पणः मुख्यमंत्री
YouTube video player
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now