हेमेंदे कँवर | कसौली
Himachal News: हिमाचल प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अब मनरेगा योजना के तहत केवल 20 कार्य ही चलाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इन निर्देशों में केवल PMAY-G (प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण) और राज्य आवास योजना के तहत बनने वाले मकानों तथा वृक्षारोपण के कार्यों को छूट दी गई है।
गौरतलब है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों को 100 दिन का रोजगार उनकी ही पंचायत में दिया जाता है। इसके अलावा, राज्य सरकार की ओर से 20 दिन का अतिरिक्त रोजगार भी प्रदान किया जाता है। मनरेगा योजना के तहत काम करने वाले मजदूरों को वर्तमान में 300 रुपये प्रतिदिन मजदूरी दी जा रही है, जिसमें 240 रुपये केंद्र सरकार और 60 रुपये राज्य सरकार वहन करती है। नए बजट में मजदूरी में 20 रुपये प्रतिदिन की वृद्धि की घोषणा भी की गई है।
हालांकि, एक पंचायत में केवल 20 कार्य ही चलाने के आदेश करीब तीन साल पुराने हैं, लेकिन पहले इनमें व्यक्तिगत कार्यों जैसे भूमि सुधार, वर्षा जल संग्रहण टैंक, पशुशाला, आर-वाल, प्लांटेशन आदि को छूट दी गई थी। लेकिन अब ताजा आदेशों में व्यक्तिगत और सार्वजनिक कार्यों को मिलाकर केवल 20 कार्य ही एक पंचायत में चलाने की अनुमति दी गई है।
इन आदेशों के बाद पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि 20 कार्यों की सीमा लागू होने के बाद यह तय करना मुश्किल होगा कि किसका काम शुरू किया जाए और किसका रोका जाए। उन्होंने बताया कि मनरेगा योजना के तहत पंजीकृत बेरोजगारों को आवेदन करने पर रोजगार देना अनिवार्य है। यदि रोजगार नहीं दिया जाता है, तो आवेदक को भत्ता देने का प्रावधान भी है।
प्रदेश में ऐसी सैकड़ों बड़ी पंचायतें हैं, जहां 80 से 100 कार्य चल रहे हैं और दर्जनों कार्यों की जियो-टैगिंग भी हो चुकी है। इस मामले में जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रमेश ठाकुर ने कहा कि पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत केवल 20 कार्य ही चलाने के आदेश तर्कसंगत नहीं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्तिगत कार्यों को इस सीमा से बाहर रखा जाना चाहिए, ताकि सभी को इस योजना का लाभ मिल सके।
वहीं, विकास खंड अधिकारी धर्मपुर, परवीन भारद्वाज ने बताया कि उन्हें पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत निजी और सार्वजनिक मिलाकर केवल 20 कार्य ही चलाने के आदेश मिले हैं। इसमें केवल PMAY-G/राज्य आवास योजना और वृक्षारोपण के कार्यों को छूट दी गई है।
चंडी पंचायत के प्रधान बलवंत ठाकुर ने कहा कि पंचायत में केवल 20 कार्य ही चलाने के आदेश उचित नहीं हैं। उन्होंने कहा, “पंचायत में यह तय करना मुश्किल होगा कि किसका काम शुरू किया जाए और किसका रोका जाए। इससे पंचायत प्रतिनिधियों को जनता को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा। निजी कार्यों को इस सीमा से बाहर रखा जाना चाहिए।”
इस नए निर्देश के बाद ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों की ओर से सरकार से इस निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग की जा रही है।
- किस्मत का नहीं, सब मेहनत का खेल है! अभिनेता Adil Irani ने Salman Khan को लेकर कही ये बात!
- Ekta R Kapoor 30 सालों का सफर ! इंडस्ट्री से पहले खुद को विकसित करने वाली क्रिएटर!
- Drinking Water: अगर आप ज्यादा पानी पीते है,तो हो जाइये सावधान क्योकि आपको हो सकता है, बहुत बड़ा नुकसान.!
- Yogasan For Pregnant Womens: डिलीवरी को आसान और मां-बच्चे की सेहत को बेहतर बनाने वाले योगासन
- Xiaomi 15 Ultra 5G: धमाकेदार कैमरा, पावरफुल प्रोसेसर और जबरदस्त बैटरी बैकअप वाला स्मार्टफोन कीमत और फीचर्स जानें
- Bajaj Pulsar 150: दमदार इंजन और शानदार माइलेज वाली स्पोर्टी बाइक कीमत और फीचर्स जानें..!
-
Himachal News: पहले भी विवादों में रहे हैं बंबर ठाकुर, अब बेटा बोला-पिता को मारने की रची जा रही है साजिश..!











