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हिमाचल प्रदेश सरकार की निरंतर बेरुखी से बेरोजगार प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक ( पीईटी) मे आक्रोश

हिमाचल प्रदेश सरकार की निरंतर बेरुखी से बेरोजगार प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक ( पीईटी) मे आक्रोश

गत रविवार को कुनिहार में प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षा शिक्षक( पीईटी) संघ जिला सोलन की एक बैठक का आयोजन किया गयाl जिसमें संघ की विभिन्न मांगों पर विचार विमर्श किया गया l इसके बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए संघ के प्रधान यतेंद्र पाल ने बताया वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 7 अक्टूबर 2018 को शारीरिक शिक्षा शिक्षकों के 2000 पदों को भरने की घोषणा की गई थी परंतु उसको आज तक भी अमल में नहीं लाई है l यह केवल मात्र घोषणा बनकर रह गई है l वर्तमान प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग के बाकी सभी वर्गों के पदों को समय-समय पर भर रही है, लेकिन शारीरिक शिक्षकों एवं कला अध्यापकों के एक पद भी भरने की घोषणा नहीं की गई है l अभी पीछे कुछ महीने पहले प्रदेश सरकार ने पीईटी एवं कला अध्यापकों के 500 – 500पदों को भरने की घोषणा की थी, जिसके बारे में अभी भी संशय की स्थिति बनी हुई है कि सरकार इसे भरेगी कि, नहीं भरेगी या केवल मात्र घोषणा बन कर रह जाएगी l

प्रदेश सरकार के इस प्रकार के उपेक्षा पूर्ण रवैया से प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षक अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं l जिला संघ का प्रतिनिधिमंडल एवं राज्य स्तर का प्रतिनिधिमंडल जिला स्तर एवं राज्य स्तर पर भी माननीय मुख्यमंत्री जी एवं अन्य प्रति सरकार के अन्य मंत्रियों के अलावा शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष अपनी प्रमुख मांगों को समय-समय पर रखी परंतु सरकार की तरफ से अभी तक मात्र आश्वासन ही मिले हैं lअभी तक इसे व्यवहारिक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है l बेरोजगार प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक संघ सोलन के सभी सदस्य सरकार से पुरजोर मांग करते हैं कि सारे शिक्षकों के 2000 पद भरने की घोषणा की थी उसे व्यवहारिक अमलीजामा पहनाया जाए l आज सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों के हजारों पद खाली पड़े हुए हैं, ऐसे परिवेश में केंद्र सरकार एवं माननीय प्रधानमंत्री मोदी की खेलो भारत मुहिम एवं फिट इंडिया मुहिम को कैसे व्यवहारिक अमलीजामा पहनाया जाएगा l अब तो राज्य सरकार और केंद्र सरकार से वैसे भी खेलों को बढ़ावा देने के लिए और उम्मीद बन जाती है कि अभी हाल ही में केंद्र सरकार में अनुराग सिंह ठाकुर को युवा एवं खेल मंत्रालय दिया गया है, ऐसे उपयुक्त समय में प्रदेश स्तर पर शारीरिक शिक्षा एवं शिक्षकों की अवहेलना नहीं होनी चाहिए क्योंकि अभी तक का यही अनुभव बताता है की शारीरिक शिक्षा और शारीरिक शिक्षकों की उपेक्षा निरंतर प्रदेश स्तर पर होती आई है ,साथ ही स्कूलों में विद्यार्थियों का बहुआयामी व्यक्तित्व का विकास बिना शारीरिक शिक्षा एवं शारीरिक शिक्षकों के बिना संभव होगा, यह सभी बातें समझ से परे हैं l

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संघ सरकार से मांग करता है कि हिमाचल प्रदेश में भी शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद को अनिवार्य विषय के रूप में स्कूली पाठ्यक्रम में लागू किया जाए ताकि हिमाचल के प्रतिभावान खिलाड़ी भी दूसरे राज्यों के तरह खेलों में अपना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सके l इसी के साथ संघ प्रदेश सरकार के साथ पुरजोर मांग रखती है कि सरकारी स्कूलों में योगा विषय को अनिवार्य विषय के रूप में सम्मिलित किया जाए और योगा अध्यापक एवं प्रशिक्षक के रूप में रोजगार शारीरिक शिक्षकों को को प्राथमिकता दें l आज यह बहुत दुख का विषय है कि लाखों रुपए खर्च करने के बाद युवा बेरोजगार होकर के घर में बैठे हुए हैं और अधिकांश युवा निर्धारित आयु 45 वर्ष को पार करके 50 की उम्र पार कर चुके हैं और आज भी वे वर्तमान प्रदेश सरकार से रोजगार की राह देख रहे हैं lसाथ ही हजारों युवा विभिन्न विश्वविद्यालयों से शारीरिक शिक्षा में डिग्री एवं डिप्लोमा में शिक्षण एवं प्रशिक्षण ले रहे हैं, उन्हें भी इस क्षेत्र में अब अपना भविष्य अंधकार में दिख रहा है l बेरोजगार प्रशिक्षित शारीरिक शिक्षक संघ जिला सोलन सरकार से मांग करता है कि आगामी कैबिनेट की मीटिंग में प्रदेश सरकार शारीरिक शिक्षकों के अधिक से अधिक पद भरने की अधिसूचना जारी करें l जिससे शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों का भविष्य उज्जवल हो सके l

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इसी के साथ यदि सरकार ने इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार नहीं किया तो आने वाले उपचुनाव एवं अगले वर्ष होने वाले विधानसभा के चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा*l इस अवसर पर संघ के उप प्रधान धर्मपाल, महासचिव राजेंद्र कुमार, सह सचिव सतवीर सिंह, कोषाध्यक्ष देवेंद्र कुमार, सह कोषाध्यक्ष धनपाल, इंद्र सिंह नरेश कुमार, हीरा दत शर्मा, रोशन लाल, दलजीत सिंह, राकेश कुमार, कृपाराम, सुधीर कुमार, पंकज, राजकुमार, सुरेंद्र सिंह , संतराज भी इस अवसर पर उपस्थित रहे l

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