Himachal Earthquake: हिमाचल प्रदेश के चंबा में बुधवार सुबह (20 अगस्त 2025) को भूकंप के दो झटकों ने लोगों की नींद उड़ा दी। पहला झटका सुबह 3:27 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.3 थी। इसके बाद, करीब एक घंटे बाद, 4:39 बजे दूसरा और थोड़ा तेज़ झटका लगा, जिसकी तीव्रता 4.0 मापी गई।
इन झटकों से इलाके में डर का माहौल बन गया, लेकिन राहत की बात है कि अब तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। बता दें कि बीते 18 अगस्त को भी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के पालमपुर में 3.9 की तीव्रता से भूकंप के झटके महसूस किये गए थे।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मॉलोजी (NCS) के अनुसार, पहला भूकंप 20 किलोमीटर की गहराई पर आया, जबकि दूसरा भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर दर्ज किया गया। दोनों झटकों से जिले में कोई नुकसान नहीं हुआ है और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। इसके अलावा जम्मू के डोडा जिया में भी 8:18 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। इसकी तीव्रता 3.5 रही ।
बता दें कि भूकंप के मद्देनजर पूरे देश को 5 जोन में बांटा गया है और हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के चलते जोन 5 में आता है, जहां आए भूकंप बड़ी तबाही का कारण बन सकते हैं।
क्यों आता है भूकम्प
वैज्ञानिकों की स्टडी से पता चलता है कि धरती के नीचे जो 7 टेक्टॉनिक प्लेट्स हैं, वे जब आपस में टकराती हैं, तो निकलने वाली तरंगों का कंपन धरती को हिला देता है, जिसे भूकंप कहते हैं। जहां प्लेट्स टकराती हैं, उसके ऊपर बसे इलाकों में भूकंप तबाही मचा देते हैं।
उल्लेखनीय है कि 4 अप्रैल 1905 को भारत के इतिहास में एक भयानक प्राकृतिक आपदा ने दस्तक दी थी। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी और कांगड़ा जिले में आए इस भीषण भूकंप ने सब कुछ तबाह कर दिया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई, जिसने 20,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। कांगड़ा, मैक्लोडगंज और धर्मशाला जैसे शहरों की ज्यादातर इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं, और चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दिया।
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