New CJI Appointment: भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई ने केंद्र सरकार से जस्टिस सूर्यकांत को अगले CJI के तौर पर नियुक्त करने की सिफारिश की है। मौजूदा CJI गवई के बाद जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे सीनियर जज हैं। अगर केंद्र उनकी सिफारिश को मान लेती है तो CJI गवई के 23 नवंबर को रिटायर होने के बाद 24 नवंबर को वे देश के 53वें CJI बनेंगे। अगर जस्टिस सूर्यकांत अगले CJI बनाते हैं तो चीफ जस्टिस के रूप में उनका कार्यकाल (करीब 1साल 2 माह ) होगा। सुप्रीम कोर्ट के जजों की रिटायरमेंट की उम्र 65 साल होती है।
हरियाणा के साधारण परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जस्टिस सूर्यकांत का जन्म हुआ। वर्तमान में वे सुप्रीम कोर्ट में CJI भूषण रामकृष्ण गवई के बाद सबसे वरिष्ठ जज हैं। उन्होंने 1981 में हिसार के सरकारी स्नातकोत्तर कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। इसके बाद 1984 में रोहतक की महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री हासिल की। उसी साल उन्होंने हिसार की स्थानीय अदालत में वकालत शुरू की और 1985 में चंडीगढ़ जाकर पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की।
हिमाचल हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के अनुसार, जस्टिस सूर्यकांत संवैधानिक, सरकारी सेवा और दीवानी मामलों के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कई विश्वविद्यालयों, बोर्डों, निगमों, बैंकों और हाई कोर्ट का प्रतिनिधित्व किया है। 7 जुलाई 2000 को वे हरियाणा के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता बने। मार्च 2001 में उन्हें वरिष्ठ वकील का दर्जा मिला। फिर 9 जनवरी 2004 तक वे हरियाणा के महाधिवक्ता रहे, जब तक उन्हें पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट का स्थायी जज नहीं बनाया गया। 23 फरवरी 2007 से 22 फरवरी 2011 तक वे लगातार दो कार्यकालों के लिए राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के शासी निकाय के सदस्य रहे। 5 अक्टूबर 2018 को वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने। इसके बाद 24 मई 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया। वे 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होंगे।












