Auto News: भारतीय ऑटो इंडस्ट्री अब सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं, बल्कि विदेशी मार्केट में भी अपनी धाक जमा रही है। भारत की ऑटो इंडस्ट्री ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में शानदार प्रदर्शन किया है। अप्रैल से सितंबर के बीच देश से यात्री वाहनों का निर्यात 18 प्रतिशत बढ़ा है। इस बढ़त में सबसे बड़ी हिस्सेदारी मारुति सुजुकी इंडिया की रही, जिसने दो लाख से ज्यादा गाड़ियां विदेश भेजीं।
SIAM के आंकड़ों के अनुसार, इस अवधि में पैसेंजर व्हीकल्स के कुल निर्यात में सालाना आधार पर 18.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाहन निर्माता संगठन सियाम के मुताबिक, इस अवधि में कुल 4,45,884 यात्री वाहन विदेश भेजे गए। पिछले साल इसी समय ये आंकड़ा 3,76,679 था। एक साल में करीब 18.4% की बढ़त दर्ज की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक यात्री कारों का निर्यात बढ़कर 2,29,281 इकाई हो गया, जो पिछले साल के मुकाबले 12% ज्यादा है। यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 26% बढ़कर 2,11,373 इकाई पहुंच गया। वैन का निर्यात 36.5% बढ़कर 5,230 इकाई रहा।
मारुति सुजुकी ने सबसे ज्यादा 2,05,763 गाड़ियां एक्सपोर्ट कीं, पिछले साल के मुकाबले 40% ज्यादा। हुंडई इंडिया ने 17% की बढ़त के साथ 99,540 गाड़ियां एक्सपोर्ट कीं। निसान इंडिया ने 37,605, फॉक्सवैगन ने 28,011, टोयोटा ने 18,880, किआ ने 13,666, और होंडा ने 13,243 गाड़ियां विदेश भेजीं।
रिपोर्ट के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि में यात्री कारों का निर्यात बढ़कर 2,29,281 इकाई हो गया, जो 2024-25 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 2,05,091 इकाई की तुलना में 12% ज्यादा है। इसी प्रकार, अप्रैल-सितंबर अवधि में विदेशी बाजारों में उपयोगिता (यूटिलिटी) वाहनों का निर्यात 26% बढ़कर 2,11,373 इकाई हो गया. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में वैन का निर्यात 36.5% बढ़कर 5,230 इकाई हो गया।
जानिए किन देशों में बढ़ा भारतीय गाड़ियों का क्रेज?
सियाम के मुताबिक, इस बढ़त का कारण है पश्चिम एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे बाजारों में मजबूत मांग। इस बार भारत ने 24 देशों में निर्यात बढ़ाया है। इन 24 देशों में दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, टोगो, मिस्र, वियतनाम, इराक, मेक्सिको, रूस, केन्या, नाइजीरिया, कनाडा, पोलैंड, श्रीलंका, ओमान, थाइलैंड, बांग्लादेश, ब्राजील, बेल्जियम, इटली और तंजानिया शामिल हैं। हालांकि, सितंबर में अमेरिका को निर्यात में गिरावट आई है, जिसका कारण है वहां के ऊंचे शुल्क।












