Senior Citizen Retirement Planning Tips: रिटायरमेंट के बाद मुख्य रूप से सबसे बड़ी चिंता यही हमारे दिमाग में चलती रहती है की हर महीने हमें स्टेबल और भरोसेमंद इनकम कहाँ से और कैसे मिल सकती है। ऐसी चिंता तब और भी ज्यादा होने लगती है जब बैंक एफडी पर मिलने वाले ब्याज उतने ज्यादा आकर्षित देखने को नहीं मिलते है। ऐसे में सीनियर सिटीजन के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यही होती है की अपने रिटायरमेंट फंड के पैसे को वह कहां इन्वेस्ट कर सकते है।
रिटायर्ड लोगों के जीवन में होते है बहुत सारे सवाल
रिटायर लोगों की आंखों के सामने कई बार ऐसी चुनौती देखने को मिलती है की अपने पैसे को कहां और कैसे लगाया जाए, ताकि उनका फंड भी सुरक्षित देखने को मिले और हर महीने का खर्चा भी आराम से पूरा हो जाए। इस प्रकार के मुश्किल से भरपूर सवाल हर एक रिटायर्ड आदमी के जीवन में आते रहते है। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए आज हम विस्तार में बात करने वाले है हाइब्रिड फंड्स और SWP के मेल से आप कैसे अपना खुद का रोजाना की इनकम का एक स्मार्ट और स्टेबल ऑप्शन आसानी से तैयार कर सकते है।
रिटायरमेंट के बाद क्या होती है निवेश की सही रणनीति?
एक रिटायर्ड व्यक्ति के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात होती है कम जोखिम में एक स्टेबल रिटर्न। रिटायर्ड व्यक्ति को एक ऐसे ऑप्शन की जरूरत होती है जिसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का असर काफी कम देखने को मिले। इसके अलावा टैक्स का बोझ काफी कम रहे और पैसा नियमित रूप से वापस मिलता रहे। बैंक एफडी आज की तारीख में सुरक्षित और स्टेबल इनकम तो प्रदान करते है, लेकिन उनपर आज की तारीख में बहुत ज्यादा अच्छा रिटर्न नहीं देखने को मिलता है।
FD से पैसे निकालकर म्युचुअल फंड में डाल देते है
यही कारण है की कई बार लोग FD से पैसे निकालकर म्युचुअल फंड में डालना काफी ज्यादा पसंद करते है। यह आइडिया मुख्य रूप से उन लोगों के लिए है जों आज की तारीख में 20 से 25 लाख रुपये एकमुश्त निवेश करने के बारे में सोचते रहते है, और हर महीने सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान की मदद से निश्चित रकम बाहर निकालना चाहते है।
हाइब्रिड फंड्स क्यों है समझदारी से भरपूर निवेश वाला आईडिया?
हाइब्रिड फंड को रिटायरमेंट के बाद से निवेश के रूप में एक काफी ज्यादा संतुलित ऑप्शन माना जाता है। यदि इस उद्देश्य के साथ निवेश करना हो तो बैलेंसड एडवांटेज फंड्स खासतौर पर पसंद किए जाते है। आपकी जानकारी के लिए बताना चाहते है की इन फंड्स का 30 से 70% तक का निवेश इक्विटी में रहता है और बाकी का पैसा ज्यादा सुरक्षित माने जाने वाले डेट फंड्स में लगाया जाता है। इस रणनीति का सबसे बड़ा फायदा यही देखने को मिलता है की शेयर बाजार में गिरावट होने के बाद भी आपकी फंड की वैल्यू में बहुत ज्यादा उथल-पुथल नहीं देखने को मिलती है और लंबी अवधि में ग्रोथ भी होती रहती है।
SWP का यहां पर मतलब होता है की अगर कोई व्यक्ति 20 से 25 लाख या फिर उससे भी ज्यादा रकम म्युचुअल फंड में लगाकर रेगुलर मंथली इनकम हासिल करना चाहता है तो उनके लिए SWP काफी अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है और किसी भी निवेश स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है। निवेश से जुड़े किसी भी निर्णय को लेने से पहले, कृपया पूरी जानकारी प्राप्त करें और अपने निवेश सलाहकार से परामर्श करें।











