Shimla Masjid Controversy: शिमला, 27 नवंबर। शिमला के विवादित संजौली मस्जिद मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई करते हुए निचली दो मंजिलों के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि दूसरी मंजिल से ऊपर की मंजिलों को गिराना होगा, जैसा कि पहले वादा किया गया था। यदि इसे स्वयं नहीं गिराया गया, तो नगर निगम को इसे हटाने की अनुमति होगी।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की एकल पीठ के समक्ष हुई, जिसमें वक्फ बोर्ड द्वारा जिला अदालत के मस्जिद को ढहाने के आदेश के खिलाफ दायर की गई याचिका पर विचार किया गया। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए मार्च, 2026 की तारीख तय की है, जहां दोनों पक्ष अपने-अपने तर्क रखेंगे।
बता दें कि इससे पहले, 30 अक्टूबर को शिमला जिला अदालत ने नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए मस्जिद की निचली दोनों मंजिलों को भी अवैध करार दे दिया था और 31 दिसंबर, 2025 तक उन्हें गिराने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को वक्फ बोर्ड की एक अन्य रिट याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद बोर्ड ने इसे वापस लेने का आग्रह किया था।
गौरतलब है कि संजौली मस्जिद विवाद ने स्थानीय स्तर पर तनाव पैदा कर रखा है। हिंदू संघर्ष समिति कई दिनों से मस्जिद के पास धरने पर बैठी है और निर्माण को अवैध बताते हुए वहाँ नमाज़ पर रोक लगाने की मांग कर रही है। पिछले शुक्रवार को जुम्मे की नमाज़ के दौरान भी विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिससे हर शुक्रवार को स्थिति तनावपूर्ण बनी रहती है। वर्तमान याचिका में नगर निगम शिमला को प्रतिवादी बनाया गया है। अब सभी की निगाहें मार्च में होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जो इस लंबे चल रहे विवाद के भविष्य का फैसला कर सकती है।











