Dhruv Rathee Defamation Case: बीजेपी नेता सुरेश नाखुआ द्वारा यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को नाखुआ पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। जिला न्यायाधीश प्रीतम सिंह ने यह आदेश तब पारित किया जब नाखुआ की ओर से पेश नए वकील ने मामले की सुनवाई के लिए और समय मांगा था।
दरअसल, यह मामला जुलाई 2024 में दर्ज किया गया था। नाखुआ ने आरोप लगाया था कि ध्रुव राठी ने अपने एक यूट्यूब वीडियो में उन्हें “हिंसक और गाली देने वाले ट्रोल्स” से जोड़कर प्रस्तुत किया, जिससे उनकी सार्वजनिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। यह विवाद एक अन्य यूट्यूबर एल्विश यादव द्वारा जून 2024 में ध्रुव राठी के खिलाफ लगाए गए आरोपों और उसके जवाब में राठी द्वारा बनाए गए वीडियो से शुरू हुआ था।
अदालती कार्यवाही शुरू होने के बाद से ही इस केस में कई तकनीकी खामियां सामने आती रही हैं। सितंबर 2024 में ही अदालत ने नाखुआ द्वारा दाखिल हलफनामे में अनियमितता पाई थी और उसे दोबारा जमा करने के निर्देश दिए थे। हालांकि, दोबारा दाखिल हलफनामे में भी राठी के वकीलों ने गलतियां निकाल दीं। इस पर अदालत ने उस नोटरी को तलब किया जिसने हलफनामे को प्रमाणित किया था, लेकिन वह स्वास्थ्य कारणों (हड्डी फ्रैक्चर) का हवाला देकर अब तक पेश नहीं हो सका।
गुरुवार की सुनवाई में नाखुआ की तरफ से नए वकील जगदीश त्रिवेदी पेश हुए और उन्होंने वकालतनामा दाखिल करने के लिए समय मांगा। इस पर ध्रुव राठी के वरिष्ठ अधिवक्ता सात्विक वर्मा ने तीखा विरोध किया।
वर्मा ने अदालत में कहा, “लगभग दो साल से यह मामला चल रहा है और नाखुआ बार-बार गलत हलफनामे दाखिल कर रहे हैं, कभी वकील बदल रहे हैं और अदालत की प्रक्रिया को हल्के में ले रहे हैं।” उन्होंने मामला खारिज करने की मांग की।
अदालत ने यह कहते हुए कि यह आखिरी मौका है, नाखुआ पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया और अगली सुनवाई के लिए 11 मार्च 2026 की तारीख तय की। यह फैसला नाखुआ के लिए एक और कानूनी झटका माना जा रहा है। बता दें कि नाखुआ ने यूट्यूबर ध्रुव राठी के खिलाफ दायर अपने मानहानि मामले में लगातार प्रक्रियात्मक गलतियाँ कीं और सुनवाई की तारीख बढ़ाने की माँग की थी।












