Shani Vakri Gochar 2025 : शनिदेव, जिन्हें ज्योतिष शास्त्र में कर्मफल दाता और न्याय के देवता कहा जाता है, हिंदू धर्म और वैदिक ज्योतिष में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। वे नवग्रहों में से एक हैं और अपने कठोर लेकिन निष्पक्ष स्वभाव के लिए प्रसिद्ध हैं। शनिदेव को सूर्यपुत्र, यमराज के भ्राता और कर्मों के हिसाब-किताब रखने वाला माना जाता है। उनका प्रभाव व्यक्ति के जीवन में अनुशासन, मेहनत, धैर्य और न्याय की भावना को बढ़ाता है।
अब आगामी 13 जुलाई 2025 को शनि मीन राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि 29 मार्च 2025 से मीन राशि में गोचर कर रहे हैं और अब 13 जुलाई को मीन राशि में ही वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे। यह वक्री अवस्था 139 दिनों तक रहेगी, और 28 नवंबर 2025 को शनि पुनः मार्गी होकर सामान्य चाल शुरू करेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि का वक्री होना उनकी प्रतिकूलता को और बढ़ा देता है, जिसके कारण मेष, कन्या, मिथुन, तुला और धनु राशि वालों को स्वास्थ्य, परिवार और व्यवसाय में विशेष सावधानी बरतनी होगी। हालांकि, यदि आपकी जन्म कुंडली में शनि पहले से वक्री हैं, तो इस अवधि में आपको कम परेशानी होगी।
आइए जानते हैं, शनि के मीन राशि में वक्री गोचर (Shani Vakri Gochar 2025) का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
मेष राशि: स्वास्थ्य और खर्चों पर विशेष ध्यान दें
मेष राशि वालों के लिए शनि 12वें भाव में वक्री होंगे। इस दौरान आपको बार-बार यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, लेकिन खर्चों में बढ़ोतरी की संभावना रहेगी। इसलिए वित्तीय मामलों में सावधानी और बुद्धिमानी से काम लें।
स्वास्थ्य के प्रति विशेष सतर्कता बरतें, क्योंकि जुलाई से नवंबर तक छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। नौकरीपेशा और व्यवसायी लोगों को प्रबंधन से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कार्यों को व्यवस्थित रखने के लिए पहले से योजना बनाएं और उसका पालन करें।
- उपाय: शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें और तिल का दान करें।
मिथुन राशि: रिश्तों और कार्य में संतुलन बनाएं
मिथुन राशि के लिए शनि 10वें भाव में वक्री होंगे, जो करियर और सामाजिक स्थिति को प्रभावित करेगा। इस दौरान आपको नाम और प्रसिद्धि मिल सकती है, लेकिन माता-पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि आप कितनी मेहनत करते हैं।
नौकरीपेशा लोगों पर काम का दबाव बढ़ सकता है, जिससे तनाव हो सकता है। परिवार के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है। अपने प्रियजनों की भावनाओं का ख्याल रखें और संवाद में पारदर्शिता बनाए रखें।
- उपाय: शनिवार को शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं।
कन्या राशि: आर्थिक और वैवाहिक जीवन में सतर्कता जरूरी
कन्या राशि वालों के लिए शनि 7वें भाव में वक्री होंगे, जो साझेदारी और वैवाहिक जीवन को प्रभावित करेगा। व्यवसाय में साझेदारी करने वालों को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
वैवाहिक जीवन में तनाव की स्थिति बन सकती है, इसलिए जीवनसाथी और सहकर्मियों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए धैर्य और समझदारी से काम लें। आर्थिक मामलों में संघर्ष हो सकता है, और आप अपनी कमाई से संतुष्ट नहीं होंगे। व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए शांत और चतुराई से निर्णय लें।
- उपाय: शनिवार को काले तिल और उड़द की दाल का दान करें।
तुला राशि: विवादों से बचें, स्वास्थ्य का ध्यान रखें
तुला राशि वालों के लिए शनि 6वें भाव में वक्री होंगे। इस दौरान आपको प्रतिद्वंद्वियों पर जीत मिल सकती है, लेकिन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। कार्यस्थल पर बढ़ते काम के बोझ से तनाव बढ़ेगा, जो आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है।
पारिवारिक या संपत्ति से जुड़े विवादों को सावधानी से सुलझाएं। इस अवधि में किसी भी अनावश्यक विवाद से बचें और परिवार को प्राथमिकता दें। व्यक्तिगत जीवन में मिली-जुली भावनाएं रहेंगी।
- उपाय: शनिवार को शनि देव को काले कपड़े में बांधकर काले तिल चढ़ाएं।
धनु राशि: ढैय्या का प्रभाव और पारिवारिक चुनौतियां
धनु राशि के लिए शनि 4वें भाव में वक्री होंगे, जिससे ढैय्या का प्रभाव और कठिन हो सकता है। इस दौरान पारिवारिक रिश्तों में दूरी महसूस हो सकती है। आप नौकरी बदलने का विचार कर सकते हैं, लेकिन फैसले लेने से पहले अच्छी तरह सोच लें।
माता के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। कार्यक्षेत्र और परिवार में कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि चीजें उम्मीद के मुताबिक नहीं होंगी। अपने स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें, क्योंकि उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी।
- उपाय: शनिवार को शनि मंदिर में नीले फूल चढ़ाएं और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
नोट: यह राशिफल सामान्य ज्योतिषीय भविष्यवाणी पर आधारित है। व्यक्तिगत परिस्थितियों के लिए ज्योतिषी से सलाह लें।
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