Diwali Gift Special Offer : इस दिवाली पर नई बाइक या कार खरीदने की योजना बना रहे मध्यम वर्ग के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि केंद्र सरकार छोटे वाहनों पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) में बड़ी कटौती की योजना बना रही है, जिससे दोपहिया वाहनों और छोटी कारों की कीमतें कम हो सकती हैं।
इस कदम का उद्देश्य मध्यम वर्ग को आर्थिक राहत देना और ऑटोमोबाइल उद्योग को नई गति प्रदान करना है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में दिए गए GST रिफार्म के ऐलान से जुड़ा माना जा रहा है, जिसे सरकार दिवाली तक लागू करने की तैयारी में है।
अभी गाड़ियों पर इंजन साइज, लंबाई और ग्राउंड क्लीयरेंस के हिसाब से अलग-अलग स्लैब और सेस लगता है, जिससे टैक्स स्ट्रक्चर जटिल हो जाता है. नई व्यवस्था में सरकार इस उलझन को खत्म कर टैक्स को सरल और सस्ता बनाना चाहती है।
क्या है नया प्रस्ताव?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सरकार छोटे वाहनों पर जीएसटी को मौजूदा 28-31% से घटाकर 18% करने पर विचार कर रही है। यह कटौती निम्नलिखित वाहनों पर लागू होगी:
– दोपहिया वाहन (350cc तक): वर्तमान में 28% जीएसटी, प्रस्तावित 18%।
– छोटी कारें (4 मीटर तक, 1200cc पेट्रोल/1500cc डीजल): वर्तमान में 29-31% टैक्स (सेस सहित), प्रस्तावित 18% फ्लैट।
– हाइब्रिड कारें (4 मीटर तक, 1200cc पेट्रोल/1500cc डीजल): वर्तमान में 28%, प्रस्तावित 18%।
हालांकि, बड़ी कारें, लक्जरी वाहन, और SUV पर मौजूदा ऊंची टैक्स दरें (43-50%) बरकरार रहेंगी। इस बदलाव से छोटे वाहनों की कीमतें कम होंगी, जिससे मध्यम वर्ग के लिए नई गाड़ी खरीदना आसान हो सकता है।
ऑटो सेक्टर को मिलेगा बूस्ट
विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी कटौती से ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग बढ़ेगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है। मौजूदा टैक्स ढांचे में छोटी कारों और लक्जरी वाहनों पर लगभग समान टैक्स दरों की विसंगति को दूर करने का यह प्रयास सराहनीय है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, बल्कि ऑटो उद्योग की बिक्री और उत्पादन में भी तेजी आएगी।
जीएसटी ढांचे में सरलीकरण की दिशा
उल्लेखनीय है कि यह प्रस्ताव जीएसटी ढांचे को सरल और तर्कसंगत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अभी वाहनों पर टैक्स की गणना इंजन साइज, लंबाई, और ग्राउंड क्लीयरेंस जैसे जटिल मानकों पर होती है, जिससे उपभोक्ताओं और निर्माताओं को परेशानी होती है। नई व्यवस्था में टैक्स को अधिक सरल और कम करने की कोशिश की जा रही है।
दिवाली तक लागू होने की उम्मीद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित मंत्रिसमूह (GoM) जल्द ही इस प्रस्ताव पर चर्चा करेगा। अगर इसे मंजूरी मिलती है, तो दिवाली 2025 तक नया टैक्स ढांचा लागू हो सकता है। यह दो-स्तरीय जीएसटी प्रणाली की ओर बढ़ने का हिस्सा है, जिसमें आवश्यक वस्तुओं पर 5%, सामान्य वस्तुओं पर 18%, और लक्जरी वस्तुओं पर 40% टैक्स लगेगा।
उद्योग और उपभोक्ताओं में उत्साह
ऑटोमोबाइल उद्योग ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद सबसे बड़े सुधारों में से एक हो सकता है। इससे न केवल टैक्स प्रणाली सरल होगी, बल्कि मध्यम वर्ग के लिए वाहन खरीदना किफायती होगा और ऑटो सेक्टर में नई जान फूंकी जाएगी।
पाठकों को सलाह दी जा रही है कि वे दिवाली से पहले नई गाड़ी खरीदने की योजना बनाते समय इस संभावित बदलाव पर नजर रखें, क्योंकि जीएसटी कटौती से उनकी बचत काफी बढ़ सकती है।
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