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पीएम की रैली कवर करने के लिए पत्रकारों से मांग लिए चरित्र प्रमाणपत्र, किरकिरी होने पर वापस लिए आदेश

पीएम की रैली कवर करने के लिए पत्रकारों से मांग लिए चरित्र प्रमाणपत्र, किरकिरी होने पर वापस लिए आदेश

सुभाष कुमार गौतम/बिलासपुर
बिलासपुर जिला पुलिस की ओर से पीएम की रैली की कवरेज के लिए 29 सितंबर को डीपीआरओ को पत्रकारों से उनके चरित्र सत्यापन का प्रमाण पत्र देने के लिए एक पत्र जारी किया गया था। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर व कुल्लू में 5 अक्तूबर को प्रस्तावित पीएम नरेंद्र मोदी की रैली को कवर करने के लिए पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र मांग लिए। हालांकि जब सोशल मीडिया में इसको लेकर सरकार की किरकिरी होने लगी तो आदेश वापस ले लिए।

दरअसल, बिलासपुर जिला पुलिस की ओर से पीएम की रैली की कवरेज के लिए 29 सितंबर को डीपीआरओ को पत्रकारों से उनके चरित्र सत्यापन का प्रमाण पत्र देने के लिए एक पत्र जारी किया गया। लेकिन जब सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से इन आदेशों की आलोचना होने लगी तो 4 अक्तूबर को पुलिस ने इन आदेशों को वापस ले लिया। साथ ही कहा कि रैली में सभी पत्रकारों का स्वागत है।

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डीपीआर व डीपीआरओ की ओर से अनुशंसित पत्रकारों, फोटोग्राफर आदि को पास उपलब्ध करवाए जाएंगे। वहीं पूरे मामले पर प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने खेद जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सभी पत्रकारों का 5 अक्तूबर को प्रस्तावित पीएम मोदी की रैली में स्वागत है। हिमाचल प्रदेश पुलिस पत्रकारों को कवरेज की सुविधा प्रदान करेगी। किसी भी असुविधा के लिए खेद है।

कांग्रेस ने बोला हमला, कश्यप ने दिया जवाब
उधर, कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने ट्वीट कर इन आदेशों की आलोचना की। लिखा कि चरित्रहीन भाजपा नेता हिमाचल के चरित्रवान पत्रकारों से चरित्र प्रमाणपत्र मांग रहे हैं। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने ट्वीट कर अलका लांबा से पूछा कि उनका आशय क्या है? हिमाचल आने के बाद वह लगातार अमर्यादित टिप्पणियां कर रही हैं। प्रधानमंत्री के प्रति कांग्रेस की दुर्भावना छिपी नहीं है। लेकिन इस तरह की भाषा इस्तेमाल करना शर्मनाक व निंदनीय है।

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