शिमला|
हिमाचल प्रदेश में आर्थिक तंगी से जूझ रही कांग्रेस सरकार आमदनी बढ़ाने के नए रास्ते तलाश रही है। राज्य की सुखविंदर सुक्खू सरकार अब कबाड़ पर टैक्स लगाकर राज्य की माली हालत को दुरुस्त करने की कोशिश कर रही है। इसके लिए स्क्रैप पॉलिसी लाई जाएगी, जिससे कबाड़ के माध्यम से मोटी कमाई कमाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा औऱ मनमर्जी से कबाड़ की बिक्री-खरीद पर लगाम लगेगी। एक अनुमान के अनुसार, कबाड़ पर टैक्स लगाकर सुक्खू सरकार हर साल 500 से 1000 करोड़ कमाएगी।
हिमाचल में कबाड़ का करोड़ों रुपए का कारोबार है। खासकर हिमाचल के औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों से हर दिन भारी मात्रा में लोहा, प्लास्टिक और गत्तों का कबाड़ निकलता है। इस कबाड़ को बेचने के लिए फैक्ट्रियों पर पॉलिटिकल प्रेशर काफी रहता है।
कबाड़ पर अभी तक किसी तरह का टैक्स नहीं वसूला जा रहा है। लिहाजा कबाड़ बेचने वालों को भारी मुनाफा हो रहा है। ऐसे में सरकार कबाड़ का कारोबार करने वाले लोगों पर शिकंजा कसते हुए इसे टैक्स के दायरे में लाने की तैयारी कर चुकी है। उद्योग विभाग टैक्स लगाने के लिए बिल तैयार कर रहा है।
गौरतलब है कि निजी क्षेत्र में कबाड़ की खरीद व बिक्री पर अभी तक सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके लिए विधानसभा के बजट सत्र में विधेयक लाया जाएगा। इस पॉलिसी के लागू होने से जहां सरकार का राजस्व बढ़ेगा,वहीं कबाड़ की आड़ में हो रही दलाली पर भी रोक लगेगी।











