प्रजासत्ता ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विपक्षी दल भाजपा ने खूब हंगामा किया। सदन जब प्रश्नकाल के साथ शुरू हुआ तो बीजेपी ने आउटसोर्स के मुद्दे पर नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव की मांग कर दी। वहीं जब विपक्ष की मांग स्वीकार नहीं हुई तो बीजेपी विधायकों ने सदन से नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया।
इसके बाद दोपहर को मीडिया से बातचीत के दौरान विपक्ष के वॉकआउट को सीएम सुक्खू ने गैर जरूरी करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले पांच साल सत्ता में रहते हुए बीजेपी की सरकार ने आउटसोर्स कर्मियों के लिए कुछ नहीं किया। सत्ता से बाहर जाने के बाद अब विपक्ष को आउटसोर्स कर्मचारियों की याद आई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने उनका बजट भाषण नहीं सुना है। सरकार आउटसोर्स और करुणामुलक नौकरियो पर विचार कर रही है। विपक्ष जब सत्ता से बाहर हुआ तब उन्हें ये याद आ रहा। विपक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए वॉकआउट कर रहा है।
वहीं मीडिया के सवालों के जबाब में सीएम के सदन में उपस्थित ना होने पर व राहुल गांधी के साथ सूरत कोर्ट जाने को लेकर विपक्ष के आरोपों के जवाब में सीएम ने कहा कि राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी के शीर्ष नेता हैं। जब परिवार में किसी पर विपदा आती है तो पूरा परिवार इकट्ठा होता है। पूर्व सीएम भी इस तरह जाते थे। उन्हें इस तरह की बयानबाजी नही करनी चाहिए।
बीजेपी क्यों नहीं लाई ये पॉलिसी- मुकेश अग्निहोत्री
वहीं उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विपक्ष द्वारा नारेबाजी और वॉकआउट की कड़ी शब्दों में निंदा की और कहा कि 100 दिन बाद इन्हें आउटसोर्स कर्मियों की याद आ रही है। अग्निहोत्री ने पूछा जब बीजेपी सरकार थी तब इन्होंने आउटसोर्स कर्मियों के लिए पॉलिसी क्यों नहीं बनाई? आखिरी समय में बस सब-कमेटी का गठन कर दिया। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जयराम सरकार ने जिस क्लीनवेज संस्था को आउटसोर्स कर्मियों का ठेका दिया था। सरकार इसकी सब गड़बड़ियों की जांच करवाएगी।










