शिमला|
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष लोकेंद्र नेगी की अध्यक्षता में बीते 13 मार्च को माननीय शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से मिला था। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्री के सम्मुख संस्थानों को डिनोटिफाई करने की प्रक्रिया को अगले शैक्षणिक सत्र के प्रारंभ होने तक लंबित रखने की मांग की थी और माननीय शिक्षा मंत्री ने संघ को आश्वस्त किया था कि सरकार प्रवक्ता संघ की इस माँग पर गंभीरतापूर्वक विचार करेगी!अब सरकार ने प्रवक्ता की मांग पर मुहर लगाते हुए डिनोटिफाई करने की प्रक्रिया रोक दिया है।
आज जारी एक प्रेस बयान में संघ के प्रदेशाध्यक्ष लोकेन्द्र नेगी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरज सागर, महासचिव संजीव ठाकुर वित्त सचिव राकेश भड़वाल ,मुख्य प्रेस सचिव प्रेम शर्मा संघठन सचिव पवन, केदार रांटा राजपाल ठाकुर ,प्रेमपाल , रंगीला ठाकुर, नरेंद्र नेगी, राजेश शर्मा , सुरेंद्र रागटा ,विकास रतन,
कमल शर्मा प्रदेश कार्यकारिणी के वरिष्ठ पदाधिकारी व समस्त प्रवक्ता संघ के जिला अध्यक्षों ने
वर्तमान सरकार को जनहितेषी बताते हुए माननीय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, माननीय शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का संस्थानों को डिनोटिफाई करने की प्रक्रिया को रोकने के लिए धन्यवाद किया है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह नेगी ने बताया की संघ ने सरकार से डिनोटिफाई किये जाने वाले स्कूलों के लिए जो शर्तें निर्धारित की गई है उनमें बदलाव करने की मांग की है ! प्रदेश अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह नेगी ने बताया कि पिछली सरकार द्वारा शैक्षिक सत्र के अंत में संस्थानों को खोला गया था जिसके कारण कि उन संस्थानों में प्रवेश नहीं हो पाया। संघ ने सरकार से माँग की है कि इन स्कूलों को डिनोटिफाई करने के लिए 2023-24 के सत्र में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या को आधार माना जाए ।
इसके साथ हि डिनोटिफिकेशन करने के लिए छात्रों की संख्या को लेकर शर्त में बदलाव करते हुए 25 के स्थान पर 20 छात्रों की संख्या को निश्चित किया जाए। इसके साथ हि संघ ने सरकार से निवेदन किया है कि वोकेशनल तथा आर एम एस ए के अंतर्गत प्राप्त होने वाली ग्रांट के लिए एचडीएफसी के स्थान पर नेशनल बैंक और कोऑपरेटिव बैंक में खाता खोलने की स्वीकृति प्रदान की जाए।











