Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तपोवन स्थित परिसर में कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा भगाओ, बेटी बचाओ जैसे नारे गूंजे। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा, जो कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है, खुद ही नियमों का उल्लंघन करने का काम कर रही है।
कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों ने विभिन्न नारों वाले पोस्टर हाथों में लेकर विधानसभा से बाहर आकर सीढ़ियों पर बैठकर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा कानून-व्यवस्था पर बहस की मांग कर रही है, जबकि उनके खुद के विधायक कानून तोड़ने में शामिल हैं।
दरअसल, कांग्रेस ने यह प्रदर्शन चुराह के भाजपा विधायक हंसराज पर युवती से शारीरिक शोषण के आरोप लगने के बाद किया। इस मामले में मंडी के एक अन्य विधायक का भी नाम सामने आया था। कांग्रेस का कहना है कि शारीरिक शोषण का यह मामला बिगड़ती हुई व्यवस्था का “सबसे बड़ा उदाहरण” है। इस दाैरान कांग्रेस विधायकों ने आरोपी विधायकों से इस्तीफे की मांग उठाई। भाजपा के कई नेता याैन शोषण के आरोपों से घिरे हैं। लेकिन इनके आला नेता इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सदन की गरिमा पर बात करती है, लेकिन खुद उसके विधायक ही अनुशासन का उल्लंघन कर रहे हैं। इस विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर, योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष और फतेहपुर विधायक भवानी सिंह पठानिया, मंत्री चंद्र कुमार, विधायक अनुराधा समेत कई प्रमुख कांग्रेस नेता मौजूद थे।
इस दौरान राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि भाजपा कानून-व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बातें करती है, लेकिन असलियत यह है कि उनके ही विधायक लगातार नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। विधानसभा की गरिमा बनाए रखना सभी का कर्तव्य है, लेकिन भाजपा के नेता ही सबसे पहले इसको तोड़ने का काम कर रहे हैं।
नेगी ने यह भी कहा, “हमने तख्तियां लेकर विरोध इसलिए किया है ताकि जनता के सामने भाजपा का दोहरा चरित्र सामने आ सके। भाजपा को पहले अपने विधायकों को नियंत्रित करना चाहिए, फिर ही कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने का अधिकार उन्हें होना चाहिए। कांग्रेस लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास रखती है, लेकिन अन्याय और इस तरह के व्यवहार पर चुप नहीं रह सकती।”











