Himachal Flood News: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। मंडी, कुल्लू और मनाली में ब्यास नदी उफान पर है, वहीं कांगड़ा जिले में पौंग डैम का जलस्तर खतरनाक सीमा से ऊपर पहुंच गया है। बुधवार सुबह जलस्तर 1393.68 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। अब गुरुवार दोपहर 2 बजे भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) 1.10 लाख क्यूसेक पानी ब्यास नदी में छोड़ेगा।
60 गांवों को खाली करने के आदेश
कांगड़ा के इंदौरा, फतेहपुर और देहरा उपमंडलों में हालात बिगड़ने की आशंका है। प्रशासन ने 17 पंचायतों के करीब 60 गांवों के 20 हजार से अधिक लोगों को दोपहर तक घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के आदेश दिए हैं। खासकर निचले इलाकों में बसे लोगों को अलर्ट जारी किया गया है।
यूनिवर्सिटी में पानी घुसा, सैकड़ों छात्रों का रेस्क्यू
इंदौरा के मंड क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मंगलवार रात को अर्नी यूनिवर्सिटी परिसर में पानी घुस गया, जिसके बाद 254 लड़कों और 164 लड़कियों समेत कुल 418 छात्रों को NDRF की टीम ने सुरक्षित निकाला। इसके अलावा मंड सनौर और मंड घंड़रा गांवों में फंसे 15 लोगों को भी रेस्क्यू कर बाहर लाया गया, जिनमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे।
प्रशासन हाई अलर्ट पर
डीसी कांगड़ा हेमराज बैरवा ने बताया कि जिले में करीब 65 संपर्क मार्ग और 92 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। केवल इंदौरा उपमंडल में 820 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और यहां तीन राहत कैंप स्थापित किए गए हैं। प्रशासन ने खाद्य आपूर्ति विभाग को ऊपरी इलाकों में राशन की सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
सबसे बड़ा खतरा निचले इलाकों पर
एसडीएम इंदौरा सुरेंद्र ठाकुर ने चेतावनी दी है कि अगर बेला ठाकरां क्षेत्र की धुस्सी नहर तेज बहाव में टूट जाती है, तो निचले गांवों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि गुरुवार दोपहर से पहले घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।











