Himachal Politics News: हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार के तीन साल पूरे होने पर मंडी में आयोजित भव्य ‘जनसंकल्प सम्मेलन’ में कई राजनीतिक अनुपस्थितियों और एक ‘गायब’ तस्वीर ने सियासी गलियारों में चर्चा शुरू करा दी है। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह और उनकी माता व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह शामिल नहीं हुए। साथ ही, रैली स्थल के प्रमुख पोस्टरों से पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की तस्वीर भी नदारद थी।
रैली स्थल पड्डल मैदान में लगे एक बड़े बैनर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी प्रभारी रजनी पाटिल, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की तस्वीरें थीं। वहीं, मंच के पीछे लगे पोस्टरों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. भीमराव अंबेडकर, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को स्थान दिया गया, लेकिन प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले छह बार के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह की छवि नहीं दिखाई दी। इन पोस्टरों में केवल मौजूदा सीएम सुक्खू, प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ही नजर आए।
गौरतलब है कि सुक्खू सरकार के गठन के समय ही मुख्यमंत्री पद को लेकर वीरभद्र सिंह के समर्थकों और सुक्खू गुट के बीच खींचतान सामने आई थी। पिछले तीन सालों में भी दोनों धड़ों के बीच मतभेदों की खबरें आती रही हैं। हाल ही में, प्रतिभा सिंह के स्थान पर विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को भी इसी रस्साकशी के संदर्भ में देखा जा रहा है। अब पार्टी में वीरभद्र परिवार का प्रतिनिधित्व केवल कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह के पास रह गया है।
सूत्रों के अनुसार, मंत्री विक्रमादित्य सिंह अपने परिवार के साथ बुधवार को ही एक निजी विदेश दौरे पर रवाना हो गए, जिस कारण वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। विदेश जाने से पहले उन्होंने अपनी मां प्रतिभा सिंह के साथ दिल्ली में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी से भी मुलाकात की थी। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में प्रदेश की राजनीतिक स्थिति और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई।
उल्लेखनीय है कि वीरभद्र परिवार की इस अनुपस्थिति और पोस्टरों से पूर्व मुख्यमंत्री की तस्वीर के गायब होने को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज है। कई लोग इसे सुक्खू गुट और वीरभद्र गुट के बीच बनी दूरी का स्पष्ट संकेत मान रहे हैं। अंदरखाते यह भी चर्चा है कि क्या वीरभद्र परिवार नाराज है। नए कांग्रेस अध्यक्ष के चयन के बाद से यह मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके अलावा, कार्यक्रम से एक दिन पहले निजी दौरे पर जाने को लेकर भी तरह-तरह की बातें उठ रही हैं।










