Himachal Rain: हिमाचल प्रदेश के कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और अचानक बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। दर्जनों दुकानें, इमारतें और एक होटल बह गए, जबकि आवासीय क्षेत्र पानी में डूब गए। सड़कों और हाईवे पर संपर्क टूट गया।
अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात से अब तक किसी भी घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। 26 अगस्त को ब्यास नदी के उफान पर आने से चंडीगढ़-मनाली हाईवे के कई हिस्सों को बह ले गया।
स्थानीय मौसम विभाग ने कांगड़ा, चंबा और लाहौल-स्पीति जिलों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी के साथ ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है। ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, मंडी, कुल्लू और शिमला शहर में भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया।
कुल्लू जिले के मनाली में मंगलवार तड़के ब्यास नदी के उफान ने एक बहुमंजिला होटल और चार दुकानों को बहा लिया। नदी का पानी मनाली के आलू मैदान में घुस गया, जिससे मनाली-लेह नेशनल हाईवे कई स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। कुल्लू में घनवी खड्ड का पानी घरों में घुस गया।
मंडी जिले के बालीचौकी में सोमवार देर रात दो इमारतें, जिनमें करीब 40 दुकानें थीं, ढह गईं। इन इमारतों को पहले ही खतरनाक होने के कारण खाली करा लिया गया था, इसलिए कोई हताहत नहीं हुआ। किन्नौर के कांवी में अचानक आई बाढ़ ने भारी नुकसान पहुंचाया।
प्रशासन ने मंडी, कांगड़ा, चंबा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, सोलन और कुल्लू के बंजार क्षेत्र में सोमवार शाम को सभी स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए। शिमला जिला प्रशासन ने मंगलवार सुबह सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का निर्देश दिया।
शिमला जिले में सोमवार सुबह से मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन और पेड़ गिरने से सड़कें अवरुद्ध हो गईं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में और भारी बारिश की आशंका जताई है। शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, सोमवार रात तक राज्य में 795 सड़कें बंद थीं, जिनमें मंडी में 289, चंबा में 214 और कुल्लू में 132 सड़कें शामिल हैं। नेशनल हाईवे-3 (मंडी-धर्मपुर) और एनएच-305 (औट-सैंज) भी बंद हैं। इसके अलावा, 956 बिजली ट्रांसफार्मर और 517 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
हिमाचल में 1 जून से 25 अगस्त तक 703.7 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 577.9 मिलीमीटर से 22% अधिक है। अगस्त में अब तक सामान्य से 44% अधिक बारिश हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने कहा कि सरकार बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज किए गए हैं।
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