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CRI के राष्ट्रीय सम्मेलन में हाइपरइम्यून सीरा उत्पादन पर चर्चा

CRI के राष्ट्रीय सम्मेलन में हाइपरइम्यून सीरा उत्पादन पर चर्चा

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान (CRI) कसौली ने आठ से दस सितंबर तक राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) नई दिल्ली के सहयोग से एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित किया। यह सम्मेलन हाइपरइम्यून सीरा उत्पादन में हालिया प्रगति और चुनौतियों पर केंद्रित था। इसमें देशभर से वैज्ञानिक, निर्माता, नियामक, और चिकित्सक भाग ले रहे हैं।

सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं प्रो. (डॉ.) अतुल गोयल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस सम्मेलन में एंटी सीरा निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया। इसमें एंटी सीरा उत्पादों पर काम करने वाले निर्माताओं, वैज्ञानिकों, और चिकित्सकों को एक मंच प्रदान किया गया।

मुख्य विषयों में शामिल थे:
– हाइपरइम्यून सीरा के उत्पादन में प्रगति
– हाइपरइम्यून सीरा की विनियामक और गुणवत्ता जांच
– हाइपरइम्यून सीरा उत्पादन में सहायक तकनीकें
– इम्यूनोप्रोफिलैक्टिक्स और थेरेप्यूटिक्स में नवाचार

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सम्मेलन के दौरान वैज्ञानिकों और प्रतिनिधियों ने एंटी सीरा उत्पादों में की गई प्रगति पर चर्चा की और सुधार की दिशा में विचार-विमर्श किया। इसके अलावा, सांप के काटने और जानवरों के काटने के मामलों में चिकित्सकों द्वारा उपचार से संबंधित चुनौतियों पर भी बातचीत की गई। सम्मेलन का उद्देश्य वर्तमान समस्याओं का समाधान खोजने और व्यावसायिक संवाद और भविष्य के सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करना था।

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान की भूमिका

केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली भारत में टीकों के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है। इसकी स्थापना तीन मई 1905 को हुई थी। यह संस्थान राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में लगातार योगदान दे रहा है और जीवनरक्षक इम्यूनोबायोलॉजिकल्स (जैसे DPT समूह के टीके और एंटी सीरा) का निर्माण करता है। संस्थान का मिशन माइक्रोबायोलॉजी और वैक्सीनोलॉजी के क्षेत्र में शिक्षण और प्रशिक्षण प्रदान करना है।

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