KCC Bank Loan Settlement Scam: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा केंद्रीय सहकारी (केसीसी) बैंक में वन टाइम सेटलमेंट (OTS) योजना के तहत बड़े पैमाने पर ऋण माफी और एक प्रमुख कांग्रेस नेता द्वारा होटल खरीद के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच तेज कर दी है।
ईडी ने इस मामले में बैंक प्रबंधन को नोटिस जारी कर 26 सितंबर 2025 तक सभी संबंधित दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए हैं। इस कार्रवाई से उन लोगों में खलबली मच गई है, जिन्होंने ओटीएस योजना के जरिए भारी-भरकम ऋण माफी का लाभ उठाया था। साथ ही, कांग्रेस नेता की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।
दरअसल यह मामला केसीसी बैंक में 45 करोड़ रुपये के ऋण से जुड़ा है, जिसमें से करीब 24 करोड़ रुपये की माफी ने बैंक की वित्तीय स्थिति को कमजोर किया है। इस राशि का संबंध एक होटल खरीद सौदे से बताया जा रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता का नाम सामने आया है।
हालांकि, बैंक अधिकारियों का दावा है कि होटल की खरीद नियमों के तहत हुई थी, लेकिन इतनी बड़ी राशि की माफी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले, नाबार्ड और भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के उल्लंघन के कारण बैंक के निदेशक मंडल को निलंबित किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक ईडी ने बैंक से ओटीएस योजना और होटल सौदे से जुड़े सभी रिकॉर्ड तलब किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्रबंध निदेशक संदीप कुमार ने कहा कि तय समयसीमा में सभी दस्तावेज ईडी को सौंप दिए जाएंगे। इस बीच, धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की अनियमितताओं ने बैंक की साख को नुकसान पहुंचाया है।
वहीँ बीजेपी ने इस वन टाइम सेटलमेंट योजना के तहत बकाया ऋण की एकमुश्त राशि चुकाकर शेष राशि माफ करने को लेकर यानि के केसीसी बैंक में 45 करोड़ रुपये के ऋण में से 24 करोड़ की माफी पर कई सवाल उठाए हैं।











