The Baghat Urban Co-operative Bank: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित द बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस फैसले के तहत बैंक के ग्राहक अब अपने खातों से अधिकतम 10,000 रुपये तक ही नकद निकाल सकेंगे। आरबीआई ने यह कदम बैंक के खराब वित्तीय हालात और कामकाज में अनियमितताओं के चलते उठाया है।
केंद्रीय बैंक ने बताया कि हाल के महीनों में बघाट अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक के संचालन को लेकर कई गंभीर शिकायतें और कमियां सामने आई थीं। आरबीआई ने बैंक के बोर्ड और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की, लेकिन स्थिति में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। ग्राहकों और जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आरबीआई को यह सख्त कदम उठाना पड़ा।
क्या हैं नए नियम?
नए नियमों के अनुसार, बैंक बिना आरबीआई की पूर्व अनुमति के न तो कोई नया कर्ज दे सकेगा, न ही नई जमा स्वीकार कर सकेगा और न ही कोई उधारी ले सकेगा। हालांकि, बैंक को यह अनुमति दी गई है कि वह ग्राहकों की जमा राशि को उनके मौजूदा कर्ज के समायोजन में इस्तेमाल कर सकता है।
क्यों लगाई गई निकासी की सीमा?
आरबीआई के मुताबिक, बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति बेहद कमजोर है। इस वजह से ग्राहकों की नकद निकासी पर 10,000 रुपये की सीमा तय की गई है। आरबीआई ने यह भी साफ किया कि यह कार्रवाई बैंक का लाइसेंस रद्द करने के बराबर नहीं है। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक सीमित रूप से कामकाज जारी रख सकता है।
जमाकर्ताओं के लिए बीमा की सुविधा
आरबीआई ने बताया कि पात्र जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत अधिकतम 5 लाख रुपये तक का बीमा क्लेम कर सकते हैं। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि वह बैंक की स्थिति पर लगातार नजर रखेगा और जरूरत पड़ने पर नियमों में बदलाव कर सकता है।
ये प्रतिबंध 8 अक्टूबर 2025 से अगले छह महीनों के लिए लागू रहेंगे, जिसके बाद स्थिति की समीक्षा की जाएगी। ग्राहकों में इस कार्रवाई को लेकर चिंता देखी जा रही है, लेकिन आरबीआई ने आश्वासन दिया है कि जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है।











