विजय शर्मा । सुंदरनगर
Mandi News: देश-प्रदेश में आम और लीची के लिए प्रसिद्ध उद्यान विभाग हराबाग के सरकारी बाग़ीचे को धर्म विशेष (मुस्लिम) व्यक्ति या संस्था को सौंपे जाने की संभावित योजना के विरोध में बायला, चमुखा और बरतो पंचायतों के प्रतिनिधियों ने एकजुट होकर अतिरिक्त उपायुक्त मंडी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में यह मांग की गई कि यह ऐतिहासिक और उपजाऊ भूमि किसी भी धर्म विशेष से जुड़ी संस्था को हस्तांतरित न की जाए। प्रतिनिधियों ने इसे जनहित, सार्वजनिक उपयोग और क्षेत्रीय पहचान के विरुद्ध संभावित निर्णय बताया है।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि यह बाग़ीचा न केवल कृषि उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि क्षेत्रीय लोगों के लिए रोज़गार का भी प्रमुख स्रोत है। आम के क्रय-विक्रय से लेकर नए पौधों की किस्मों को विकसित करने का कार्य यहीं होता है, जिससे किसानों को पौधों की आनुवांशिक संरचना और प्रशिक्षण प्राप्त होता है।
इसके साथ ही सरकार की ओर से यहां एक अतिथि गृह (गेस्ट हाउस) का निर्माण कार्य भी चल रहा है, जो भविष्य में पर्यटन, प्रशिक्षण और शोध गतिविधियों को बढ़ावा देगा। यह पूरा क्षेत्र ‘हराबाग’ के नाम से ही जाना जाता है, और इसकी पहचान इसी बाग़ीचे से जुड़ी हुई है। ऐसे में इस बाग़ीचे को किसी निजी व्यक्ति या धर्म विशेष संस्था को सौंपना, क्षेत्र के लोगों के साथ खुला अन्याय होगा, भले ही यह अभी एक संभावित प्रस्ताव हो।
वही समाजसेवी कर्म सिंह ने कहा कि सरकार की इस संभावित योजना की जानकारी जब से स्थानीय लोगों को मिली है, तब से लोग लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। बायला, चमुखा और बरतो पंचायतों के प्रतिनिधि भी एकजुट होकर इसे जनहित के खिलाफ बता चुके हैं। यदि सरकार ने स्थानीय जनभावनाओं की अनदेखी की, तो लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में मस्तराम, देशराज, जीतराम और हंसराज सहित कई अन्य पंचायत वर्तमान और पूर्व प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने प्रशासन से इस संभावित फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की।
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