Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

अजान पर BJP MLA के विवादित बोल

[ad_1]

Controversial Remark On Azaan: कर्नाटक भाजपा के विधायक ने अजान को लेकर विवादित बयान दिया है। भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए पूछा है कि क्या अल्लाह बहरा है, कि उसे बुलाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की जरूरत है। भाजपा नेता के बयान को लेकर एक बार फिर से एक बार फिर अजान को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ने की संभावना है।

बताया जा रहा है कि केएस ईश्वरप्पा एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे, तभी पास की एक मस्जिद से अजान की आवाज आई। ईश्वरप्पा ने कहा कि मैं जहां भी जाता हूं, यह (अज़ान) मुझे सिरदर्द देता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला है, आज नहीं तो कल… लाउडस्पीकर पर आजान का सिस्टम खत्म हो जाएगा।

इसे भी पढ़ें:  दो आरोपी अभी भी फरार, दीपक नहीं अमित चला रहा था कार

भाजपा नेता ने सवाल पूछा कि क्या अजान के दौरान लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने पर ही अल्लाह नमाज सुनेगा? उन्होंने कहा कि मंदिरों में लड़कियां और महिलाएं प्रार्थना और भजन करती हैं। हम धार्मिक हैं, लेकिन हम लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करते हैं। अगर आपको लाउडस्पीकर से नमाज अदा करनी है, तो इसका मतलब है कि अल्लाह बहरा है?

Controversial Remark On Azaan

ईश्वरप्पा पहले भी देते रहे हैं विवादित बयान

ईश्वरप्पा पहले भी विवादित बयान देते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने 18वीं शताब्दी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को मुस्लिम गुंडा कहकर संबोधित किया था। बता दें कि पिछले साल एक ठेकेदार की खुदकुशी के बाद उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था। ईश्वरप्पा को पुलिस मामले में नामित किया गया था क्योंकि ठेकेदार ने सुसाइड से पहले उन्हें अपनी मौत के लिए पूरी तरह जिम्मेदार बताया था।

इसे भी पढ़ें:  स्वदेशी लड़ाकू विमान LCA Mark 2 के निर्माण को मिली मंजूरी

बता दें कि ‘अजान’ लंबे समय से गहन बहस का विषय रहा है। एक वर्ग का तर्क है कि अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग अन्य धर्मों के लोगों को परेशान कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2005 में ध्वनि प्रदूषण का हवाला देते हुए सार्वजनिक आपात स्थितियों को छोड़कर रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बाद में अक्टूबर 2005 में अदालत ने कहा कि लाउडस्पीकरों को साल में 15 दिनों के लिए उत्सव के अवसरों पर आधी रात तक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जा सकती है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए, जिसमें दावा किया गया था कि अज़ान की सामग्री अन्य धर्मों के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाती है, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पिछले साल सहिष्णुता संविधान की विशेषता है। कोर्ट ने कहा कि अजान से अन्य धर्मों के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होने वाली दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें:  गहलोत सरकार के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पर किडनैपिंग का केस दर्ज

[ad_2]

Source link

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment