प्रजासत्ता|
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सब्जियों, फलों, दालों के साथ खाद्य तेल की महंगाई आम लोगों को कमर तोड़ने का काम कर रही है। हालात ये हैं कि पिछले एक साल में पाम ऑयल के दाम लगभग दोगुना से अधिक बढ़ गए हैं। कोराना संकट के बीच महंगाई रसोई का बजट बिगाड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर कोरोना से आय घटने से गृहणियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
देश में पैकेटबंद फूड जैसे बिस्कुट, बेकरी प्रोडक्ट, साबुन, तेल, चॉकलेट, स्वीट और दूसरी चीजों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। लिहाजा इनके दाम भी जल्द बढ़ सकते हैं। भारत में होटलों, रेस्तरां में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। वैसे सिर्फ पाम ऑयल ही महंगा नहीं हुआ है बल्कि सरसो, राइस ऑयल, तिल समेत सभी तेल के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में सरसों को तेल (पैक्ड) दो महीने में 147 रुपये से बढ़कर 176 रुपये प्रति किलो हो गया है। मई 2020 में पाम ऑयल की कीमत 76 रुपये प्रति किलो थी लेकिन एक साल बाद ही इसके कीमत दोगुना हो गई।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सब्जियों, फलों, दालों के साथ खाद्य तेल की महंगाई आम लोगों को कमर तोड़ने का काम कर रही है। हालात ये हैं कि पिछले एक साल में पाम ऑयल के दाम लगभग दोगुना से अधिक बढ़ गए हैं।
देश में पैकेटबंद फूड जैसे बिस्कुट, बेकरी प्रोडक्ट, साबुन, तेल, चॉकलेट, स्वीट और दूसरी चीजों में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। लिहाजा इनके दाम भी जल्द बढ़ सकते हैं। भारत में होटलों, रेस्तरां में पाम ऑयल का इस्तेमाल होता है। वैसे सिर्फ पाम ऑयल ही महंगा नहीं हुआ है बल्कि सरसो, राइस ऑयल, तिल समेत सभी तेल के दाम में जबरदस्त उछाल आया है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली में सरसों को तेल (पैक्ड) दो महीने में 147 रुपये से बढ़कर 176 रुपये प्रति किलो हो गया है। मई 2020 में पाम ऑयल की कीमत 76 रुपये प्रति किलो थी लेकिन एक साल बाद ही इसके कीमत दोगुना हो गई।












