Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

सुप्रीमकोर्ट की फटकार के बाद हरकत में आई केंद्र सरकार, ट्रिब्यूनलों में नियुक्तियों को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट, Himachal News,

प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
केंद्र ने शनिवार को NCLT और ITAT में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी| सरकार ने एनसीएलटी में 18 सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है| इसके अलावा इनकम टैक्‍स अपीलेट ट्रिब्‍यूनल (ITAT) में भी 13 सदस्‍यों की नियुक्ति हुई है। दोनों ट्रिब्‍यूनल्‍स में कई महीनों से नियुक्तियां लंबित थीं।

सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को केंद्र द्वारा ट्रिब्यूनल के सदस्यों को नियुक्त नहीं करने के तरीके पर असंतोष व्यक्त किया था और उसे फटकार लगाई थी| अदालत ने ट्रिब्‍यूनल्‍स में खाली पदों पर नाराजगी जाहिर करते हुए टिप्‍पणी की थी कि केंद्र को इस अदालत के फैसलों का कोई सम्मान नहीं है। हफ्ते भर के भीतर नियुक्तियां न होने पर अदालत ने अवमानना प्रक्रिया चलाने की चेतावनी दी थी।जिसके बाद केंद्र ने शनिवार को NCLT और ITAT में न्यायिक और तकनीकी सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी|

इसे भी पढ़ें:  Bengaluru Airport: भारी बारिश के चलते बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 49 मिनट ठप रही उड़ान सेवा, 14 फ्लाइट डायवर्ट

सरकार ने एनसीएलटी में 18 सदस्यों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसमें आठ न्यायिक सदस्य और 10 तकनीकी सदस्य शामिल हैं| आठ न्यायिक सदस्यों में जस्टिस तेलप्रोलू रजनी (जज, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट), जस्टिस प्रदीप नरहरि देशमुख (बॉम्बे उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश), जस्टिस एस रामाथिलगम (पूर्व जज, मद्रास उच्च न्यायालय), धरमिंदर सिंह (पीठ अधिकारी, डीआरटी -3 दिल्ली), हरनाम सिंह ठाकुर (सेवानिवृत्त रजिस्ट्रार जनरल, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय), पी मोहन राज (रिटायर जिला जज, सलेम, तमिलनाडु), रोहित कपूर (अधिवक्ता) और दीप चंद्र जोशी (जिला जज) शामिल हैं|

ITAT में नियुक्‍त किए गए चार न्‍यायिक सदस्‍यों में एडवोकेट संजय शर्मा, एस सीतालक्ष्‍मी के अलावा ऐडिशनल डिस्ट्रिक्‍ट एंड सेशंस जज शतिन गोयल और अनुभव शर्मा शामिल हैं। OBC कैटिगरी में एडवोकेट टीआर सेंथिल कुमार को जबकि SC कैटिगरी में मनमोहन दास को न्‍यायिक सदस्‍य बनाया गया है। अनारक्षित श्रेणी में पांच चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को अकाउंटेंट्स सदस्‍यों के रूप में ITAT में जगह दी गई है।

इसे भी पढ़ें:  देश के 16.8 करोड़ लोगों का बिक गया पर्सनल डेटा
संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment