EPFO के आंकड़ों से बेरोजगारी की स्थिति की पड़ताल, फरवरी में नई औपचारिक नियुक्तियों में गिरावट


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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ताजा आंकड़ों ने भारतीय श्रम बाजार की सच्चाई को उजागर किया है। फरवरी महीने में लगातार तीसरे महीने औपचारिक रोजगार में गिरावट दर्ज की गई है, जो औपचारिक श्रम बाजार में और अधिक मंदी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

EPFO द्वारा जारी किए गए ताजे मासिक पेरोल आंकड़ों के अनुसार, जनवरी में जहां 8,23,000 नए सदस्य जुड़े थे, वहीं फरवरी में यह संख्या घटकर 7,39,000 रह गई। यह आंकड़ा यह बताता है कि औपचारिक रोजगार के अवसरों में कमी आई है, जो श्रम बाजार की सुस्त गति को दर्शाता है।

EPFO के आंकड़ों को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि ये औपचारिक श्रम बाजार की वास्तविक स्थिति को दर्शाते हैं। केवल औपचारिक श्रमबल को ही सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिलता है और वे श्रम कानूनों द्वारा संरक्षित रहते हैं।

नए सदस्यों की स्थिति

पिछले साल फरवरी में EPFO में 7,77,700 नए सदस्य शामिल हुए थे, जबकि इस साल फरवरी में यह संख्या 7.39 लाख रही। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि नए EPF सदस्य में युवाओं का दबदबा है। 18 से 25 साल आयु वर्ग के नए सदस्य इस महीने 4.27 लाख यानी 57.7 फीसदी थे, जो पिछले महीने 57.07 फीसदी (4.70 लाख) से थोड़े अधिक हैं। यह संकेत देता है कि इस आयु वर्ग के युवा अक्सर श्रम बाजार में पहली बार कदम रखते हैं, जो इसके स्वास्थ्य को मजबूत करने का संकेत है।

महिलाओं की हिस्सेदारी में वृद्धि

महिलाओं की हिस्सेदारी भी सकारात्मक दिशा में बढ़ी है। फरवरी में महिलाओं के नए EPF सदस्यों की संख्या जनवरी के 25.62 फीसदी (2.17 लाख) से बढ़कर 28.14 फीसदी (2.08 लाख) हो गई है, जो एक अच्छा संकेत है।

दुबारा शामिल हुए सदस्य

इसके अलावा, आंकड़ों में यह भी दर्शाया गया है कि करीब 13.18 लाख सदस्य, जो पहले EPFO योजनाओं से बाहर निकल गए थे, फरवरी में फिर से इसमें शामिल हो गए हैं।