India-Pak Tension: थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को साफ शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ “ट्रेलर” था और अगर पाकिस्तान ने दोबारा गलती की तो भारत उसे जिम्मेदार पड़ोसी बनना सिखा देगा।
चाणक्य डिफेंस डायलॉग में जनरल द्विवेदी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर महज एक ट्रेलर था, जो 88 घंटे में खत्म हुआ। भविष्य में किसी भी परिस्थिति के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। अगर पाकिस्तान मौका देगा तो हम उसे सिखाएंगे कि पड़ोसी देश के साथ जिम्मेदारी से कैसे व्यवहार किया जाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम तो सिर्फ शांति की प्रक्रिया अपनाने को कह रहे हैं, इसमें हम पूरा सहयोग करेंगे। लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, आतंकवादियों और उनके सरपरस्तों को एक समान समझा जाएगा। आज का भारत इतना सक्षम है कि किसी भी ब्लैकमेल से डरने वाला नहीं है।”
सेना प्रमुख ने बताया कि 88 घंटे के ऑपरेशन सिंदूर से तीन बड़े सबक मिले हैं:
-तीनों सेनाओं का पूर्ण एकीकरण (इंटीग्रेशन)
-लंबे संघर्ष के लिए लगातार सप्लाई सुनिश्चित करना
-कमांड चेन के हर स्तर पर तुरंत और सही निर्णय लेना
उन्होंने कहा, “आज की लड़ाई मल्टी-डोमेन है। सिर्फ थल सेना अकेले नहीं लड़ सकती – वायुसेना, नौसेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बल सबको साथ लड़ना होगा।”
जनरल द्विवेदी ने पहलगाम हमले के बाद बदले “नए नॉर्मल” को रेखांकित करते हुए कहा, “जब कोई देश राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता है, तो यह भारत के लिए चिंता की बात बन जाती है। भारत तरक्की की बात करता है। अगर कोई हमारे रास्ते में रोड़ा बनेगा तो हमें कार्रवाई करनी पड़ेगी। हमने साफ कह दिया है – बात और आतंक एक साथ नहीं चल सकते।”
दरअसल, यह बयान दिल्ली के लाल किले पर 10 नवंबर को हुए कार बम धमाके के ठीक एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें 13 लोग मारे गए थे। हालांकि सरकार ने अभी तक आधिकारिक रूप से पाकिस्तान को दोषी नहीं ठहराया है, लेकिन सुरक्षा सूत्रों ने इसे जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ा है।
जनरल द्विवेदी ने कहा, “जब कोई देश राज्य-प्रायोजित आतंकवाद को बढ़ावा देता है तो यह भारत के लिए चिंता का विषय बन जाता है। बातें और आतंक एक साथ नहीं चल सकते।” उन्होंने जोर देकर कहा, “आज की लड़ाई मल्टी-डोमेन है। अकेले थलसेना नहीं लड़ सकती, वायुसेना, नौसेना और अर्द्धसैनिक बलों को साथ लड़ना होगा।”
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पिछले हफ्ते कहा था कि इस्लामाबाद भारत और अफगानिस्तान के खिलाफ दो-मोर्चे युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके एक दिन बाद ही इस्लामाबाद में धमाका हुआ था, जिसमें 12 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान ने उस हमले के लिए भारत पर अफगान आतंकियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था।
दिल्ली धमाके के एक दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी ने “षड्यंत्रकारियों” को सजा देने का वादा किया था। दो दिन बाद सरकार ने इसे “जघन्य आतंकी घटना” घोषित किया और जांच NIA को सौंप दी। जांच में पता चला है कि कथित सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर उन नबी जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़े अंतरराष्ट्रीय व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल का हिस्सा था।












