Kedarnath Dham: उत्तराखंड के पवित्र धाम श्री केदारनाथ के कपाट आज, 23 अक्टूबर 2025 को भाई दूज के शुभ अवसर पर सुबह 8:30 बजे विधिवत रूप से शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली को सेना के बैंड की धुन और जय घोष के बीच पहले पड़ाव रामपुर के लिए रवाना किया गया। सर्द मौसम में 10 हजार से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र क्षण के साक्षी बने, और मंदिर को फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने भंडारे भी आयोजित किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचमुखी डोली को शीतकालीन गद्दीस्थल के प्रथम पड़ाव के लिए रवाना किया। कपाट बंद होने से पहले अखंड ज्योति के दर्शन के बाद पुजारी बागेश लिंग और आचार्यगणों, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, जिला प्रशासन, तीर्थ पुरोहितों और हक हकूकधारियों ने ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर समाधि पूजा संपन्न की। इसके बाद भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों, कुमजा, बुकला, राख, ब्रह्म कमल और शुष्क फूल-पत्तियों से ढककर समाधि रूप दिया गया। जय बाबा केदार के उद्घोष के साथ मंदिर का गर्भगृह बंद हुआ।
मुख्यमंत्री और बीकेटीसी अध्यक्ष की मौजूदगी में सुबह 8:30 बजे मंदिर के पूर्वी और दक्षिणी द्वार बंद किए गए। इसके बाद पंचमुखी डोली को मंदिर परिसर में लाया गया, जहां उसने परिक्रमा की और फिर रामपुर की ओर प्रस्थान किया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डोली के साथ कदम मिलाया।
सीएम ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री धामी ने बाबा केदार के कपाट बंद होने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी विजन से दिव्या केदार पुरी का भव्य निर्माण हुआ है। इस साल चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे। उन्होंने शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने और तीर्थयात्रियों का अभिवादन स्वीकार किया। मंदिर परिसर “जय बाबा केदार” और “हर हर महादेव” के नारों से गूंज उठा।
तीर्थयात्रियों की संख्या में उछाल
बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में चारधाम यात्रा का सुचारु संचालन हुआ। इस बार कपाट बंद होने तक 17,68,795 तीर्थयात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए, जो पिछले साल 16,52,076 से सवा लाख ज्यादा है। उन्होंने आपदा को छोड़कर यात्रा को सुरक्षित और सुगम बताया और सभी सहयोगी विभागों का आभार जताया। शीतकाल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। यह यात्रा धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ पर्यटन को भी नई ऊंचाई दे रही है।












