New Delhi: दो देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने का एक शानदार तरीका देखने को मिला, जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखनाग से दिल्ली में दिल खोलकर बात की। 14 अक्टूबर 2025 को हुई इस मुलाकात में दोनों ने नई साझेदारियों पर विचार-विमर्श किया और पुराने बंधनों को और गहरा करने का वादा किया।
खास तो ये रहा कि राजनाथ जी ने राष्ट्रपति को ओडिशा के खिचिंग ग्रेनाइट स्टोन से बनी बुद्धा की सुंदर मूर्ति उपहार में दी। ये मूर्ति ध्यान की मुद्रा में बुद्ध की है, जो काले क्लोराइट पत्थर से बनी है – चिकनी सतह और मजबूती वाली, जो शांति और ज्ञान का प्रतीक है।
ये तो बस एक साधारण तोहफा नहीं, बल्कि भारत और मंगोलिया के साझा बौद्ध धरोहर की याद दिलाता है। भगवान बुद्ध की शिक्षाएं दोनों देशों को सदियों से जोड़ती आई हैं, और खिचिंग का ये स्टोन ओडिशा के मशहूर किचकेश्वरी मंदिर से जुड़ा है। ज्योतिष और ध्यान की दुनिया में ये मूर्ति पूजा का केंद्र रही है।
राजनाथ सिंह ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “अपने दोस्त राष्ट्रपति खुरेलसुख उखनाग के साथ दिल्ली में शानदार बातचीत हुई। सहयोग के नए क्षेत्रों में विस्तार और साझा हितों वाले मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूत करने पर चर्चा की। भारत-मंगोलिया की साझेदारी को और बुलंद करने की प्रतिबद्धता जताई।”
राष्ट्रपति उखनाग 13 से 16 अक्टूबर तक चार दिनों की राजकीय यात्रा पर भारत हैं। ये दौरा दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों के 70 साल पूरे होने और रणनीतिक साझेदारी के 10 साल के मौके पर है।
आज ही विदेश मंत्रालय (MEA) की ब्रिफिंग में अच्छी खबर आई – 2026 में भारत मंगोलिया को बुद्ध के दो प्रमुख शिष्यों, अर्हंत सारिपुत्र और अर्हंत महामोगल्लान के पवित्र अवशेष भेजेगा। ये कदम आध्यात्मिक सद्भावना का प्रतीक बनेगा, जो 2022 में कपिलवस्तु अवशेषों की प्रदर्शनी के बाद लिया गया। महाबोधि सोसाइटी के अनुसार, ये दोनों बुद्ध के सबसे करीबी शिष्य थे। MEA के पूर्वी महानिदेशक पी. कुमारन ने बताया कि यात्रा के दौरान कई और पहलें घोषित की गईं, जो रिश्तों को नई ताकत देंगी।












