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P Chidambaram On Delhi Blast: चिदंबरम ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा “ घरेलू आतंकवादियों की अनदेखी क्यों?”

P Chidambaram On Delhi Blast: चिदंबरम ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा “ घरेलू आतंकवादियों की अनदेखी क्यों?”

P Chidambaram On Delhi Blast:  दिल्ली के लाल किला क्षेत्र के पास सोमवार को हुए विस्फोट के बाद, पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट साझा कर केंद्र सरकार की ‘चुप्पी’ पर निशाना साधा। उन्होंने ‘घरेलू आतंकवाद’ के मुद्दे को दोहराते हुए कहा कि सरकार जानती है कि विदेशी घुसपैठियों के अलावा भारतीय नागरिक भी कट्टरपंथ की ओर मुड़ सकते हैं।

चिदंबरम ने पोस्ट में लिखा, “मैंने पहलगाम आतंकी हमले से पहले और बाद में हमेशा कहा है कि आतंकवादी दो प्रकार के होते हैं – विदेशी प्रशिक्षण प्राप्त घुसपैठिए और घरेलू (होमग्रोन) आतंकवादी। मैंने यह बात संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान भी उठाई थी, लेकिन ‘घरेलू आतंकवादियों’ का जिक्र करने पर मुझे ट्रोलिंग और मजाक का सामना करना पड़ा।”

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उन्होंने आगे कहा, “सरकार इस मुद्दे पर ‘चुप्पी साधे’ है क्योंकि उन्हें पता है कि घरेलू आतंकवादी भी मौजूद हैं। इस पोस्ट का उद्देश्य यही है कि हमें खुद से पूछना चाहिए – वे कौन-सी परिस्थितियां हैं जो भारतीय नागरिकों, यहां तक कि शिक्षित लोगों को भी आतंकवादी बना देती हैं?”

P Chidambaram On Delhi Blast: चिदंबरम ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा “ घरेलू आतंकवादियों की अनदेखी क्यों?”

गौरतलब है कि चिदंबरम की टिप्पणियां तब आई हैं जब दिल्ली विस्फोट की जांच तेज हो गई है। इस घटना में 9 लोगों की मौत हुई, और जांचकर्ताओं को शक है कि यह एक अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का काम है। एनआईए ने फरीदाबाद स्थित एक आतंकी समूह के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें डॉक्टर मुजम्मिल गनई, अदील अहमद रदर, शाहीन शाहिद और उमर उन नबी शामिल हैं। इन पर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े होने का आरोप है। जांच में कश्मीर से जुड़े पोस्टर्स और नेटवर्क का भी खुलासा हुआ है।

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उल्लेखनीय है कि यह पहली बार नहीं है जब चिदंबरम ने ‘घरेलू आतंकवाद’ का मुद्दा उठाया। जुलाई 2025 में, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले (जिसमें 26 नागरिक मारे गए) के जवाब में शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में बहस के दौरान उन्होंने कहा था, “हमलावर स्थानीय हो सकते हैं। पाकिस्तान से आने का कोई प्रमाण क्यों मान लिया जाए? एनआईए की जांच की जानकारी क्यों नहीं साझा की जा रही?”

चिदंबरम ने सरकार पर ऑपरेशन सिंदूर में ‘नुकसान छिपाने’ का भी आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि हमलावरों की पहचान, उनकी उत्पत्ति और एनआईए की प्रगति पर पारदर्शिता का अभाव है।

चिदंबरम के बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी। गृह मंत्री अमित शाह ने जुलाई में कहा था, “एनआईए ने हमलावरों को शरण देने वालों को गिरफ्तार किया है। श्रीनगर में मिले शव वही हैं, और जब्त हथियार फोरेंसिक से मेल खाते हैं। चिदंबरम पाकिस्तान का बचाव कर रहे हैं।”

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हालिया बयान पर भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा, “चिदंबरम फिर पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं। कांग्रेस आतंकवादियों को कवर फायर दे रही है।” भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्वीट किया, “26/11 से पहलगाम तक, कांग्रेस का हाथ पाकिस्तान के साथ!” उन्होंने चिदंबरम को ‘सफरॉन टेरर’ थ्योरी का प्रणेता बताया।

आलोचना पर चिदंबरम ने कहा, “मेरे शब्दों को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है। यह जानबूझकर मिसइनफॉर्मेशन कैंपेन है।” कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने उनका समर्थन किया, “भाजपा पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर की असफलताओं से ध्यान भटका रही है।”

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