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SFI ने लैपटाॅप पर दिखाई विवादित डॉक्यूमेंट्री

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BBC Documentary: कोलकाता यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को SFI ने पीएम मोदी पर बनी विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई। इसके लिए एसएफआई ने विवि के गेट के बाहर मंच लगाया और लैपटाॅप पर (BBC Documentary) छात्रों को डॉक्यूमेंट्री दिखाई।

यूनिवर्सिटी के अंदर प्रशासन ने डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने की अनुमति नहीं दी थी। इसके लिए प्रशासन ने बिजली काट दी। बता दें कि इससे पहले SFI ने प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी में भी 2 बार विवादित डॉक्यूमेंट्री दिखाई थी। SFI को डॉक्यूमेंट्री दिखाने जाने से रोकने के लिए प्रशासन ने दो बार बिजली भी काट दी थी। इसको लेकर काफी बवाल हुआ था।

सुप्रीम कोर्ट ने दो सप्ताह में मांगा जवाब

इधर, डॉक्यूमेंट्री पर लगे बैन को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट (BBC Documentary) ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है और ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स जमा करने के आदेश दिए हैं।

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न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने एन राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और सामाजिक कार्यकर्ता वकील प्रशांत भूषण द्वारा दायर याचिकाओं पर सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया।

कोर्ट ने एक अन्य याचिकाकर्ता वकील एम एल शर्मा को भी नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने केंद्र को आदेश वापस लेने से संबंधित मूल रिकॉर्ड पेश करने का भी निर्देश दिया। पीठ ने कहा हम नोटिस जारी कर रहे हैं। तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर किया जाए। उसके बाद दो सप्ताह के भीतर जवाब दिया जाए। मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।

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डॉक्यूमेंट्री में पीएम मोदी की भूमिका की गई जांच

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों और पीएम मोदी (BBC Documentary) की भूमिका की जांच की गई है। याचिका में कहा गया कि डॉक्यूमेंट्री में दंगे रोकने में असफल रहे लोगों से जुड़े कई फैक्ट्स हैं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि आईटी रूल 2021 के नियम 16 के तहत इसे बैन किया गया है।

याचिका में दंगों के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच की भी मांग की गई है। एमएल शर्मा ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री के दोनों एपिसोड की जांच की जाए। याचिका में मांग की गई कि दंगों में जिम्मेदार लोगों पर उचित कार्रवाई की जाए।

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