CGHS and ECHS New Guidelines: केंद्र सरकार ने देश के लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनर्स और पूर्व सैनिकों के हित में CGHS व ECHS की व्यवस्था में बड़ा सुधार किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 5 दिसंबर 2025 को जारी आदेश में साफ कहा है कि सभी निजी एम्पैनल्ड अस्पतालों के साथ मौजूदा समझौता ज्ञापन (MoA) 15 दिसंबर 2025 की मध्यरात्रि 12 बजे से अपने आप रद्द हो जाएंगे। इसके बाद कोई भी पुराना करार मान्य नहीं रहेगा।
अब अगर कोई निजी अस्पताल CGHS और ECHS के तहत इलाज जारी रखना चाहता है तो उसे 15 दिसंबर 2025 से पहले नई शर्तों और अपडेट की गई दरों को स्वीकार करते हुए एक वचन-पत्र (अंडरटेकिंग) जमा करना अनिवार्य होगा। साथ ही ऑनलाइन हॉस्पिटल एम्पैनलमेंट मॉड्यूल (Online Hospital Empanelment Module) के जरिए नए सिरे से पंजीकरण कराना होगा। नए समझौते पर हस्ताक्षर के लिए 90 दिन का समय दिया गया है, यानी मार्च 2026 तक पूरी प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
यह बदलाव इसलिए जरूरी हुआ क्योंकि लंबे समय से निजी अस्पताल पुरानी दरों की शिकायत कर रहे थे। उनका कहना था कि दवाइयों, उपकरणों और स्टाफ की बढ़ती लागत के मुकाबले CGHS/ECHS की दरें बहुत कम थीं, जिससे कई अच्छे अस्पताल पैनल छोड़ रहे थे या मरीजों से अतिरिक्त पैसे वसूल रहे थे। नई व्यवस्था से इलाज की दरें मौजूदा बाजार भाव के करीब लाई गई हैं, साथ ही रूम रेंट, ICU चार्ज, सर्जरी पैकेज और डायग्नॉस्टिक टेस्ट की दरों को भी अपडेट कर दिया गया है।
इसके अलावा सरकार का जोर डिजिटल और पारदर्शी सिस्टम पर है। अब क्लेम की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, सभी शहरों में एक समान दरें लागू होंगी, और अस्पतालों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। पहले से चल रहे सुधारों में कैशलेस इलाज को और आसान करना, रेफरल सिस्टम को पूरी तरह डिजिटल करना, टेली-कंसल्टेशन की सुविधा बढ़ाना और गलत बिलिंग पर भारी पेनल्टी लगाना भी शामिल है।
संक्षेप में कहें तो 16 दिसंबर 2025 से सिर्फ वही निजी अस्पताल CGHS और ECHS में इलाज कर पाएंगे जिन्होंने नई दरें और नियम पूरी तरह स्वीकार कर लिए होंगे। बाकी अस्पताल अपने आप पैनल से बाहर हो जाएंगे। सरकार का मानना है कि इससे लाखों लाभार्थियों को बेहतर, सस्ता और परेशानी-मुक्त इलाज मिलेगा।












