ED Raids Online Gaming Companies: वर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों विंजो (WinZO) और गेम्सक्राफ्ट (Gameskraft, जो Pocket52.com चलाती है) के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में बड़ा एक्शन लेते हुए 11 ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। बेंगलुरु जोनल ऑफिस की अगुवाई में ये सर्च ऑपरेशन बेंगलुरु (5 जगहें), दिल्ली (4 जगहें) और गुड़गांव (2 जगहें) में चल रहे हैं। ED ने CEO, COO और CFO समेत प्रमोटर्स के घरों और ऑफिसों पर धरपकड़ की है।
कंपनियों पर मुख्य आरोप है कि वे ऐप के एल्गोरिदम से छेड़छाड़ करती थीं, जिससे गेम खेलने वाले यूजर्स को नुकसान होता था और कंपनियों को फायदा। इसके अलावा, प्रमोटर्स के क्रिप्टो वॉलेट्स मिलने से मनी लॉन्ड्रिंग का शक गहरा गया है। ED ऐसे सबूत जुटा रही है जो एल्गोरिदम मैनिपुलेशन और ब्लैक मनी ट्रांसफर की पुष्टि करें। यूजर्स की शिकायतों पर ये कार्रवाई हुई है।

अभी तक इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक, जिन 11 लोकेशन पर छापेमारी हुई है। उनमें 5 बेंगलुरु, 4 दिल्ली और दो गुड़गांव में हैं। ED के बेंगलुरु ऑफिस ने ये छापेमारी की है।रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने विंजो और गेमक्राफ्ट के CEO, COO और CFO के घरों पर रेड मारा है। इस छापेमारी के दौरान ED ऐसे सबूत खोज रही है जिससे एल्गोरिद्म से छेड़छाड़ की बात की पुष्टि हो सके। बात यहीं खत्म नहीं होती। ED के सर्च में ये भी पता चला है कि प्रमोटर्स के पास क्रिप्टो वॉलेट भी हैं। इससे ये शक बढ़ रहा है कि क्रिप्टो वॉलेट के जरिए वो ब्लैकमनी इधर से उधर कर रहे हैं।
रियल मनी गेमिंग बैन के बाद भी जांच का दायरा बढ़ा
दरअसल, 1 अक्टूबर 2025 को लागू ‘प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग एक्ट’ के बाद विंजो, गेम्सक्राफ्ट जैसी कंपनियों ने रियल मनी गेमिंग (RMG) बंद कर दिया था। गेम्सक्राफ्ट ने अगस्त में ही घोषणा की थी कि वह कानून को चुनौती नहीं देगी और RMG बंद कर रही है। लेकिन ED को शक है कि इससे पहले की कमाई में अनियमितताएं हुईं। Dream11, My11Circle, JungleePoker जैसी अन्य कंपनियां भी प्रभावित हुई थीं। गेम्सक्राफ्ट ने बैन के बाद 400+ कर्मचारियों को निकाल दिया था।
विंजो 100+ गेम्स होस्ट करती है, जबकि गेम्सक्राफ्ट रमीकल्चर, पॉकेट52 जैसी ऐप्स चलाती थी। दोनों बेंगलुरु-दिल्ली बेस्ड हैं। ED की जांच जारी है, और कंपनियों से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। यह ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर लगातार बढ़ती सख्ती का हिस्सा है, जहां मनी लॉन्ड्रिंग और यूजर एक्सप्लॉइटेशन के केस बढ़ रहे हैं।












