New Income Tax Bill 2025 Draft: केंद्र सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसे 13 फरवरी को संसद में पेश किए जाने की संभावना है। यह नया बिल टैक्स कानूनों को सरल और समझने में आसान बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। इस बिल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं जो टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
‘एसेसमेंट इयर’ की जगह ‘टैक्स इयर’
नए बिल में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि ‘एसेसमेंट इयर‘ की जगह अब ‘टैक्स इयर’ का उपयोग किया जाएगा। टैक्स इयर एक 12 महीने की अवधि होगी, जो 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को खत्म होगी। अगर कोई नया बिजनेस या पेशा शुरू किया जाता है, तो उसका टैक्स इयर उस बिजनेस की शुरुआत की तारीख से शुरू माना जाएगा। यह बदलाव टैक्स रिपोर्टिंग को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
नए बिल की भाषा हुई आसान
पुराने इनकम टैक्स एक्ट के मुकाबले इस नए बिल की भाषा को बहुत सरल और संक्षिप्त रखा गया है। पहले के 823 पन्नों की तुलना में अब इस बिल में 622 पन्ने होंगे। हालांकि, चैप्टर्स की संख्या पहले की तरह 23 ही रखी गई है, लेकिन सेक्शन की संख्या 298 से बढ़ाकर 536 कर दी गई है। इससे बिल को समझना और लागू करना आसान हो जाएगा।
कई महत्वपूर्ण प्रावधानों का एक साथ समावेश
नए बिल में वेतन से संबंधित कटौतियों जैसे कि स्टैंडर्ड डिडक्शन, ग्रेच्युटी, और लीव एनकैशमेंट को एक ही जगह पर सूचीबद्ध किया गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को इसे समझने और लागू करने में आसानी होगी। इसके अलावा, टोटल इनकम में शामिल न की जाने वाली इनकम को शेड्यूल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
क्रिप्टो एसेट्स और डिजिटल ट्रांजैक्शन पर कड़े नियम
नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (जैसे क्रिप्टोकरेंसी) के लिए भी कड़े प्रावधान किए गए हैं। अब क्रिप्टो एसेट्स को अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, जिससे डिजिटल लेन-देन को अधिक पारदर्शी और कानूनी रूप से नियंत्रित किया जा सकेगा।
टैक्सपेयर्स के अधिकारों का सुरक्षा
इस बिल में एक नया टैक्सपेयर्स चार्टर भी शामिल किया गया है, जो टैक्सपेयर्स के अधिकारों की सुरक्षा करेगा और टैक्स प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाएगा। यह चार्टर टैक्स अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों को भी स्पष्ट करेगा।
कब से लागू होगा New Income Tax Bill ?
यह बिल पहले ही कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त कर चुका है और अब इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। संसद की मंजूरी के बाद यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा, और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है।
इनकम टैक्स कानून में बदलाव की लंबी प्रक्रिया
सरकार कई वर्षों से इनकम टैक्स कानून को सरल और प्रभावी बनाने के प्रयासों में जुटी हुई थी। 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इससे पहले UPA सरकार ने 2009 में डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) पेश किया था, लेकिन वह संसद में पारित नहीं हो सका था। अब, इनकम टैक्स बिल 2025 को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।