Thunag Horticulture College Controversy: मंडी जिले के थुनाग हॉर्टिकल्चर कॉलेज शिफ्टिंग को लेकर भाजपा और कांग्रेस में सियासी घमासान मचा हुआ है। इसी बीच थुनाग हॉर्टिकल्चर कॉलेज के छात्रों और पेरेंट्स ने आज (बुधवार) शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रदेश सरकार ने उनकी मांग पर नाचन के लिए कॉलेज शिफ्ट किया है।
उन्होंने बताया कि बीते दिनों 100 से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने इस मांग को लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि सरकार ने उनकी दलीलों को सुनते हुए कॉलेज को नाचन स्थानांतरित करने का फैसला लिया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान छात्रों और अभिभावकों का कहा कि थुनाग में पिछले तीन साल से लगातार प्राकृतिक आपदाओं का साया मंडरा रहा है। 30 जून की रात भारी बारिश में कई बच्चों का सामान बह गया, जिससे वे सहमे और डरे हुए हैं।
उनका दर्द यह भी है कि कॉलेज में 250 से ज्यादा छात्रों के लिए हॉस्टल जैसी बुनियादी सुविधा नहीं है, और वे किराए के कमरों में गुजारा कर रहे हैं। वहीँ अभिभावकों ने शिकायत की कि थुनाग में मामूली बारिश भी बाढ़ जैसी मुसीबत खड़ी कर देती है, जिससे बच्चे वहां पढ़ने को तैयार नहीं।
पूर्व सीएम जयराम ने अपने चुनाव क्षेत्र के थुनाग में खोला था हॉर्टिकल्चर कॉलेज
बता दें कि सराज विधानसभा के थुनाग में पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हॉर्टिकल्चर कॉलेज खोला था। मौजूदा सरकार ने छात्रों व अभिभावकों की मांग पर इसे थुनाग से मंडी जिला के ही नाचन विधानसभा में शिफ्ट किया है। इसकी नोटिफिकेशन मीडिया में आने के बाद प्रदेश में सियासी घमासान छिड़ गया है।
Thunag Horticulture College Controversy: क्या है मामला
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी हाल ही में सिराज विधानसभा में प्राकृतिक आपदा के बाद स्थिति का जायजा लेने गए थे। इस दौरान थुनाग के रेस्ट हाउस में कुछ स्थानीय लोग हॉर्टिकल्चर कॉलेज वहां से शिफ्ट न करने की मांग को लेकर उनसे मिलने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान कुछ महिलाओं और पुरुषों ने मिलकर उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ लोगों ने जूते और काले झंडे भी फेंके।
घटना के दौरान प्रदर्शनकारियों ने “गो बैक” के नारे लगाए। मंत्री के काफिले को रोकने की कोशिश और मंत्री की गाड़ी पर तिरंगा लगा होनेके चलते पुलिस ने इसे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान का मामला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज किया। इस घटना पर 50 से ज्यादा लोगों के खिलाफ हंगामा, गैरकानूनी जमावड़ा और रास्ता रोकने के आरोप में केस दर्ज हुआ।
दूसरी ओर, कांग्रेस ने इसे बीजेपी की साजिश बताया, जबकि बीजेपी ने दावा किया कि यह जनता का गुस्सा है, जो राहत कार्यों और कॉलेज शिफ्टिंग जैसे फैसलों से नाराज है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी इस घटना की निंदा की और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को बर्दाश्त न करने की बात कही। हालांकि यह मामला अब सियासी रंग ले चुका है, और दोनों पार्टियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
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