Vimal Negi Death Case: हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्य अभियंता विमल नेगी की मृत्यु के मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी हरिकेश मीणा को नियमित जमानत प्रदान की है। इस मामले में न्यायालय ने 3 दिसंबर को मीणा की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था।
न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की अदालत ने बुधवार को उनकी अंतरिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। मामले में पहले राज्य सरकार पक्षकार थी, बाद में सीबीआई को भी इसमें शामिल किया गया। अदालत ने सभी पक्षों की बात सुनने के बाद सीबीआई द्वारा प्रस्तुत मामले के दस्तावेजों (वॉल्यूम 1) को अपने रिकॉर्ड में शामिल किया।
आईएएस हरिकेश मीणा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता ने अदालत के सामने तर्क रखा कि उनके मुवक्किल को बिना ठोस सबूतों के इस मामले में फँसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मृतक विमल नेगी पिछले कई सालों से अवसाद से पीड़ित थे और नियमित दवाएँ ले रहे थे। अधिवक्ता ने सीबीआई द्वारा पेश की गई स्थिति रिपोर्ट को गलत बताते हुए उसका विरोध किया।
वहीं, सीबीआई की ओर से अदालत में दस्तावेज पेश किए गए और आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में रखने की माँग करते हुए, अंतरिम जमानत याचिका को खारिज करने की गुहार की गई।
दूसरी तरफ, मृतक विमल नेगी की पत्नी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि पेखुवाला परियोजना की समय सीमा बढ़ाने और धनराशि जारी करने के लिए विमल नेगी पर दबाव डाला गया था। उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया था और इस परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि आरोपी अभी भी जमानत के लाभ का उपयोग कर रहा है और खुलेआम घूम रहा है। केवल मृतक के मानसिक तनाव में होने का यह मतलब नहीं है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच जाएंगे। उन पर लगातार दबाव बनाया गया था।












