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प्रदेश उपचुनावों में देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं प्रदेश स्वर्ण मोर्चा ने नोटा दबाने का किया ऐलान

हिमाचल में उपचुनावों को लेकर माहौल गर्म है तो दूसरी ओर भाजपा और कॉंग्रेस में हर जगह नेताओं का मनमुटाव देखने को मिल रहा है कई नेता व कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके है यहा तक कुछ बड़े नेताओं ने अपनी ही पार्टी से बगावत कर अपना नामांकन पत्र भी भर दिया है !

दूसरी और देवभूमि क्षत्रिय संगठन एवं देवभूमि स्वर्ण मोर्चा नें इन उपचुनावों में नोटा दबाने का भी ऐलान कर दिया, क्षत्रिय संगठन व स्वर्ण मोर्चा प्रदेश भर में हर जगह जा जा कर स्वर्ण समाज से उपचुनावों का बहिष्कार करने का आहवान कर रहा है और समस्त प्रदेश स्वर्ण समाज से नोटा दबाने की अपील की जा रही है और इनकी सभाओ में भीड़ उमड़ कर आ रही है मानो सभी प्रदेश का स्वर्ण समाज राजनीतिक दलों से बहुत नाराज़ हो !

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देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रूमित सिंह ठाकुर ने कहा की हिमाचल का संपूर्ण स्वर्ण समाज इस समय हर दल व नेताओं से पूरी तरह नाराज़ है क्यूंकि पिछ्ले लगभग आठ महीनों से हम स्वर्ण आयोग गठन की मांग कर रहे है जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया ! समूचे देश व प्रदेश में दलित आयोग है, अल्पसंख्यक आयोग है तो फ़िर स्वर्ण आयोग का गठन क्यूं नहीं किया जा रहा आखिरकार स्वर्ण समाज के लोगो से इतनी नफ़रत और भेदभाव क्यूं ! रूमित ठाकुर व मदन ठाकुर ने बताया की हिमाचल प्रदेश में स्वर्ण समाज की जनसंख्या लगभग 60% से 70% है और बिना स्वर्ण समाज के हिमाचल में कोइ भी दल अपनी सरकार नहीं बना सकता और उन्हीं 70% स्वर्ण समाज की आज अनदेखी की जा रही है जो की हम नहीं होनें देंगे ! देवभूमि स्वर्ण मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष मदन ठाकुर ने कहा यदि स्वर्ण आयोग नहीं बना सकते तो फ़िर जितने भी धर्म और जाती के आधार पर सरकारी संस्थाएं व आयोग बनाये गए है उन्हें तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए और धर्म जाती के आधार पर आरक्षण नामक बीमारी को भी खत्म किया जाऐ और आर्थिक आधार पर आरक्षण के मापदंड स्थापित किए जाऐं ! देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रणजीत ठाकुर ने कहा की आज के समय में स्वर्ण समाज की स्थिति बहुत दयनीय है क्या सरकारों को और राजनीतिक ठेकेदारों को यह नहीं दिखाई देता, बाबा साहेब के संविधान में केवल चंद वर्षों के लिए आरक्षण का क़ानून बनाया था लेकिन राजनीति के सौदागरों ने इस जातिगत आरक्षण की आड़ लेकर जनता को कई हिस्सों में बांट दिया और अपनी वोट बैंक की राजनीति करते रहे जिस कारण दुर्भाग्यवश आरक्षण नामक कोड़ आज तक चलता आरहा है जिसका खामियाजा आज सिर्फ स्वर्ण समाज को झेलना पड़ रहा है ! प्रदेश में उपचुनावों को लेकर रूमित ठाकुर ने कहा यह तो अभी ट्रेलर होगा पूरी (नोटा) की फ़िल्म आने वाले प्रदेश विधानसभा चुनावों में दिखाई जाएगी !

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जैसा की कई वर्षों से राजनीतिक विशेषज्ञ बताते है कि स्वर्ण समाज ज़्यादातर भाजपा को वोट करता है अब प्रदेश में होनें वाले उपचुनावों में नुकसान भाजपा का अधिक होता दिखाई दे रहा है आगे चुनावी समीकरण क्या बनते है इस बार उपचुनावों में देखना दिलचस्प होगा ! उपचुनावों में अगर देवभूमि क्षत्रिय संगठन व देवभूमि स्वर्ण मोर्चा ने प्रभाव डाला तो प्रदेश में आगामी होनें वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी कुछ हद तक लगभग साफ़ हो जाएगी !

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